नई दिल्ली: चीन के साथ जारी सीमा संघर्ष को संज्ञान में रखते हुए गृह मामलों की एक संसदीय समिति ने केंद्र सरकार को लद्दाख में सीमा पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है. राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा (Rajya Sabha MP Anand Sharma) की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने अपनी 235वीं रिपोर्ट में सरकार से इस संबंध में सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है. रिपोर्ट में लद्दाख के कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों और गांवों को नवीनतम सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) योजना के तहत कवर नहीं किया गया है.
समिति ने सिफारिश की है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) लद्दाख के सभी सीमावर्ती क्षेत्रों को शामिल करने के लिए मामला उठा सकता है, जिसमें संशोधित बार्डर एरिया डेवलपमेंट योजना (बीएडीपी) दिशानिर्देशों के अनुसार छोटी आबादी वाली बंजर भूमि शामिल हैं. समिति ने कहा है कि संशोधित बीएडीपी दिशानिर्देश वर्ष 2020 में तैयार किए गए हैं जो 50 किमी क्षेत्र को कवर करते हैं.
इसके अलावा समिति का मानना है कि कुल 236 आवासों में से 172 गांवों में दूरसंचार का बुनियादी ढांचा है, वहीं सिर्फ 24 और 78 गांवों में ही 3जी और 4जी इंटरनेट कनेक्टिविटी है. इसके अलावा समिति ने कहा है कि इंटरनेट सहित संचार सुविधाओं में काफी इजाफा हुआ है क्यों कि कोविड 19 महामारी के बाद से ही स्कूलों के बंद होने के कारण छात्र ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. साथ ही समिति ने लद्दाख विशेष के सभी गांवों के साथ चुमार और डेमचुक गांवों से लोगों के बाहर जाने से रोकने के लिए वहां पर विद्युतीकरण करने की भी सिफारिश की है.