बगीचे में बोनसाई होना उसकी सुंदरता को दोगुना कर देता हैं. लेकिन कई लोग ज्यादा जानकारी ना होने तथा इस भ्रम में की बोनसाई की देखभाल मुश्किल काम है, इसे अपनी बगिया में नही लगा पाते हैं. निसन्देह इन्हे विशेष देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन एक बार बोनसाई से जुड़ी जरूरी जानकारी ले ली जाय इनकी देखभाल ज्यादा कठिन कार्य नही है. Etv भारत सुखीभव आज अपने पाठकों के साथ साँझा कर रहा है कुछ ऐसे बोनसाई तथा उनकी देखभाल से संबंधित जानकारी जो आपकी बगिया की सुंदरता को कम देखभाल में दोगुना कर सकते हैं.
हमारे देश में आमतौर पर लोग अनार, आम, बरगद, अमलताश, अमरूद, नीम, आंवला, चीड़, संतरा, गूलर, गुलमोहर, पीपल, लीची, नींबू, ओक, बेर, देवदार, चमेली तथा बोगनवेलिया सहित कुछ अन्य प्रकार के बोनसाई लगाना पसंद करते हैं, क्योंकि ये यहाँ के वातावरण में आसानी से फल-फूल सकते हैं. लेकिन इनके अलावा भी कुछ प्रजातियाँ है जिनसे आप अपने बगीचा को सजा सकते हैं और उन्हे बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत नही होती है. उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
ब्लैकबेरी बोनसाई
ब्लैकबेरी बोनसाई या शहतूत किसी भी प्रकार की मिट्टी में सरलता से पनपने वाला बोनसाई है. लेकिन इसे नियमित कटाई छँटाई की जरूरत होती है क्योंकि यह तेजी से बढ़ता है. शहतूत के पेड़ को ज्यादा नमी चाहिए होती है , इसलिए विशेषतौर पर गर्मियों में इन्हे ज्यादा पानी की जरूरत होती है.
चेरी बोन्साई
इस बोन्साई की देखभाल करना आसान है. इसे ज्यादातर घर के बाहर लगाना ज्यादा बेहतर होता है क्योंकि इन्हे ज्यादा धूप की जरूरत होती है. लेकिन यदि घर के अंदर कोई ऐसा स्थान है जहां इन्हे पर्याप्त मात्रा में धूप मिल सके तो यह घर के अंदर भी लगाए जा सकते हैं. चेरी के बोनसाई को ज्यादा मात्रा में पानी देना चाहिए लेकिन पानी तभी देना चाहिए जब उसकी मिट्टी सुखी लगने लगे.
अनार बोनसाई
अनार के बोनसाई को हमेशा ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां ज्यादा धूप आती हो, क्योंकि यह सूरज की रोशनी में ज्यादा विकसित होता है. साथ इस पर फल भी तभी आते हैं जब इन्हे ज्यादा धूप में रखा जाय. लेकिन यदि सर्दियों के दौरान बहुत कम तापमान होता है, तो उन्हें घर के अंदर ऐसे स्थान पर रखना चाहिए जहां रोशनी ज्यादा आती हो. अनार के बोन्साईको ज्यादा नमी की जरूरत होती है. इसकी प्रूनिंग के लिए आमतौर पर इस पर फूलों आने के बाद का समय आदर्श माना जाता है.