मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पिछले साल जारी शुल्क से जुड़े एक आदेश की संवैधानिक वैधता को बुधवार को बरकरार रखा लेकिन उसमें शामिल एक शर्त को निरस्त कर दिया. इस शर्त के अनुसार किसी एक चैनल की कीमत चैनलों के गुच्छे के सबसे महंगे चैनल की औसत कीमत का एक-तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकती.
न्यायमूर्ति अमजद सैयद और अनुजा प्रभुदेसाई की खंडपीठ ने कई प्रसारकों द्वारा दायर याचिकाओं पर यह फैसला सुनाया. इन प्रसारकों में टीवी प्रसारकों का प्रतिनिधि संगठन इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (Indian Broadcasting Foundation), फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (Film and Television Producers Guild of India), जी इंटरटेनमेंट लिमिटेड और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क इंडिया शामिल हैं. एक जनवरी, 2020 को ट्राई ने शुल्क से जुड़े नये नियम जारी किए थे.
नये नियमों के तहत उपभोक्ताओं को फायदा पहुंचाते हुए नेटवर्क क्षमता शुल्क (एनसीएफ) कम कर दिया गया. इससे पहले सभी फ्री-टू-एयर चैनलों (free-to-air channels) के लिए 130 रुपए का अतिरिक्त शुल्क लागू था और और उपभोक्ताओं को अतिरिक्त चैनल देखने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ते थे.