मुंबई :बम्बई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में सोमवार को पत्रकार राणा अय्यूब ( journalist Rana Ayyub) को चार सप्ताह की ट्रांजिट अग्रिम जमानत (transit anticipatory bail) दे दी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने अय्यूब के खिलाफ सोशल मीडिया पर उस वीडियो को कथित तौर पर प्रसारित करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें एक बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति ने दावा किया था उसे पीटा गया और उनसे 'जय श्री राम' का नारा (Jai Shri Ram slogan) लगाने के लिए कहा गया.
पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में दावा किया कि वीडियो सांप्रदायिक अशांति पैदा करने के लिए प्रसारित किया गया था.
उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद के लोनी बॉर्डर पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 153 (दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 153ए (धर्म, वर्ग आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295 ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करना), 120बी (आपराधिक साजिश) और अन्य के प्राथमिकी दर्ज की गई है.
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अय्यूब के वकील मिहिर देसाई ने सोमवार को न्यायमूर्ति पी डी नाइक की एकल पीठ को बताया कि आवेदक एक पत्रकार है, जिसने अपने ट्विटर हैंडल से वीडियो को केवल 'फॉरवर्ड' किया था. देसाई ने कहा, जब 16 जून को उन्हें पता चला कि वीडियो की सामग्री सही नहीं है, तो उन्होंने उसे हटा दिया.
उन्होंने कहा कि जिन अपराधों के तहत अय्यूब पर मामला दर्ज किया गया है, उन सभी में केवल तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती हैं और इसलिए उन्हें राहत पाने के लिए उत्तर प्रदेश में संबंधित अदालत से संपर्क करने का समय दिया जाना चाहिए.