मुंबई :बॉम्बे हाई कोर्ट ने पति की मौत के मामले में प्राकृतिक मां को बच्चों की कानूनी अभिभावक के रूप में मान्यता प्रदान की है. पति की मौत के बाद दोनों जुड़वा बच्चों के कानूनी अभिभावक की मान्यता देने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी.
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रियाज चागला ने मां को कानूनी अभिभावक के रूप मे मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने इस संबंध में 17 नवंबर को आदेश जारी किया है. याचिकाकर्ता के पति की 2008 में मौत हो गई थी. इस महिला का 24 साल का बेटा है. इसके अलावा 15 साल के दो जुड़वां बच्चे हैं, लेकिन इन जुड़वा बच्चों में से एक 15 साल की दिव्यांग लड़की है.
बताया गया कि इस लड़की के पुनर्वास के लिए उस तमिलनाडु के होसुर में पुनर्वासित किया जा सकता है. साथ ही उस लड़की के पास उत्तराधिकारी के रूप में पिता के नाम की संपत्ति है. यदि संपत्ति को बेचा जाए तो यह पुनर्वास संभव है.इसलिए मां को कानूनी अभिभावक घोषित करने के लिए यह याचिका दायर की गई है. लड़की के पुनर्वास के लिए प्रति माह लगभग एक लाख 25 हजार रुपये के हिसाब से पुनर्वास के लिए कुल तीन करोड़ रुपये उनके ट्रस्ट को दिए जाने की आवश्यकता है. इसलिए महिला की ओर से वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट में मुद्दा उठाया कि यह प्रक्रिया कोर्ट की कानूनी मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती.