मुंबई :बंबई उच्च न्यायालय ने निजी क्षेत्र की आवास वित्त कंपनी DHFL (Dewan Housing Finance Ltd - DHFL) से जुड़े कथित भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के एक मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी बिंदु और उनकी दो बेटियों राधा तथा रौशनी को जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया और कहा कि उन पर जिन अपराधों का आरोप लगा है उनसे देश के 'वित्तीय स्वास्थ्य' को 'गंभीर धक्का' हुआ है.
न्यायमूर्ति भारती डांगरे की एकल पीठ ने इस मामले में सह आरोपी यस बैंक के ग्रुप अध्यक्ष एवं काराबारी प्रमुख राजीव आनंद की जमानत अर्जी भी खारिज कर दी.
अदालत ने कहा, यह स्पष्ट है कि सभी आरोपियों पर ऐसा अपराध करने का आरोप है जिनसे राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य पर गंभीर धक्का लगा है तथा मोटे तौरपर लोगों के साथ धोखाधड़ी हुई है.
अदालत ने कहा, ऐसे अपराध बड़े पैमाने पर हो रहे हैं जिसके फलस्वरूप राष्ट्र की सर्वांगीण वृद्धि कुंद हुई एवं देश की अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान हुआ. ये अपराध जघन प्रकृति के हैं क्योंकि वे राज्य के आर्थिक तानेबाने एवं वित्तीय महल को नष्ट कर देते हैं.
अदालत ने कहा कि ऐसे अपराधों से कानून व्यवस्था पर जनविश्वास क्षरित होता है क्योंकि यह उसकी आर्थिक एवं वित्तीय दशा पर गंभीर प्रहार की तरह है.
विशेष सीबीआई अदालत ने 18 सितंबर को उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था. उसने कहा था कि पहली नजर में अवैध गतिविधियों से बैंक को 4,000 करोड़ रुपये के नुकसान की बात सामने आ रही है. इसी आदेश को तीनों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
निचली अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजते हुए कहा था कि वे महिला होने के नाते सहानुभूति की हकदार नहीं हैं. तीनों आरोपी मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद हैं.