मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय (Bombay HC) ने महाराष्ट्र के मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता नवाब मलिक को एनसीबी के खिलाफ टिप्पणी नहीं करने के संबंध में निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है. नवाब मलिक ने आर्यन खान से जुड़े मादक पदार्थ के मामले में स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के खिलाफ कई टिप्पणियां की हैं. इससे संबंधी जनहित याचिका कौसर अली ने उच्च न्यायालय में मंगलवार को दायर किया था.
कौसर अली ने खुद को मौलवी और नशा करने वालों के पुनर्वास के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताया है. अली ने उच्च न्यायालय से मलिक को एनसीबी या आर्यन खान मामले से जुड़ी किसी अन्य जांच एजेंसी और ऐसी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करने का निर्देश देने का आग्रह किया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह की बयानबाजी से जांच एजेंसियों का मनोबल गिरेगा और नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा.
याचिकाकर्ता के वकील अशोक सरोगी ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एम एस कार्णिक की पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए जनहित याचिका का उल्लेख किया. हालांकि, उच्च न्यायालय ने सरोगी को अगले सप्ताह अवकाशकालीन पीठ से संपर्क करने के लिए कहा कि या एक नवंबर से शुरू होने वाली दिवाली की छुट्टियों के बाद नियमित अदालतों के फिर से शुरू होने की प्रतीक्षा करने के लिए कहा.