रांची :झारखंड के सिमडेगा के रहने वाले असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की (Shanti Bhushan Tirkey) का पार्थिव शरीर रविवार की सुबह रांची एयरपोर्ट पर पहुंचा. रांची एयरपोर्ट पर पार्थिव शरीर के आने के बाद वीर शांति भूषण अमर रहे ,भारत माता की जय के नारों से पूरा एयरपोर्ट गूंजने लगा. एयरपोर्ट से शहीद के पार्थिव शरीर को सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया जहां राज्य के राज्यपाल रमेश बैस और सीएम हेमंत सोरेन समेत सैंकड़ों लोगों ने उनको श्रद्धांजलि दी है.
छत्तीसगढ़ में भी दिया गया शहीद को श्रद्धांजलि:शहीद शशि भूषण तिर्की के पार्थिव शरीर के रांची रवाना होने से पहले छत्तीसगढ़ मे भी श्रद्धांजलि दी गई. बस्तर आईजी सुंदरराज, बस्तर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा, बस्तर कलेक्टर रजत बंसल, कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा के अलावा सीआरपीएफ बटालियन के आला अधिकारियों ने उनको श्रद्धांजलि दी है.
नक्सलियों ने घात लगाकर किया था हमला:बता दें कि शनिवार को बीजापुर के बासागुड़ा थाने में सीआरपीएफ बटालियन की एक टुकड़ी पुतकेल गांव की ओर रवाना हुई थी. इस टीम में रोड ओपनिंग पार्टी भी शामिल थी. जब यह टीम पुतकेल गांव के करीब डोंगलचिता नदी के पास पहुंची तो घात लगाए नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी. जवान जब तक संभल पाते तब तक इस हमले में सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट शशि भूषण तिर्की शहीद हो गए. जबकि एक जवान इस हमले में घायल हो गया. जवान का नाम अप्पा राव बताया जा रहा है. हमले के बाद नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के जवानों के हथियार भू लूट लिए थे.
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सिमडेगा के रहने वाले है शांति भूषण:बीजापुर में नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण मूलतः झारखंड के सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड के कसीरा गांव के रहने वाले थे. लेकिन उनका पूरा परिवार रांची के डिबडीह इलाके में कई वर्षों से रह रहा था. शहीद शांति भूषण तिर्की के पिता बीएसएफ से रिटायर होकर रांची स्थित आवास में ही रह रहे थे. छत्तीसगढ़ में पोस्टिंग होने के बाद शहीद की पत्नी पुष्पा तिर्की ,10 वर्षीय बेटा अनिकेत और ढाई साल की बेटी अनीशा अपने दादा के साथ ही रांची स्थित घर में ही रह रहे थे.