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यूपी में महामंथन : 52 घंटे चली बीजेपी की मैराथन बैठक, मंत्रियों-विधायकों को टटोला, पर सवाल बरकरार

उत्तर प्रदेश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गयी हैं. भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष पार्टी के नेताओं और मंत्रियों से चर्चा के बाद दिल्ली वापस लौट गए हैं. अब वह अपनी रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे.

हाईकमान को सौंपेंगे रिपोर्ट
हाईकमान को सौंपेंगे रिपोर्ट

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Published : Jun 2, 2021, 6:23 PM IST

Updated : Jun 2, 2021, 6:41 PM IST

लखनऊ : योगी सरकार और भाजपा में बदलाव की अटकलों के बीच गत सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ पहुंचे. करीब 52 घंटे तक लखनऊ में रहकर उन्होंने मैराथन बैठकें की. पार्टी, सरकार और संघ के नेताओं के साथ उनकी मुलाकात हुई. उन्होंने हर स्तर पर सरकार और संगठन के कार्य को जानने की कोशिश की और इनपुट एकत्र किया. सारी जानकारियां लेने के बाद बीएल संतोष दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. लखनऊ छोड़ने के साथ ही बीएल संतोष यहां कई सवाल भी छोड़ गए हैं.

योगी मंत्रिमंडल का विस्तार कब ?

एक रिपोर्ट

मौजूदा समय में यूपी की सियासत से जुड़ा सबसे बड़ा सवाल योगी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर है. मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं. लेकिन, सवाल है कि योगी मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा और उसमें कौन-कौन नए चेहरे शामिल होंगे. मंत्रिमंडल में शामिल किन सहयोगियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. या फिर सरकार में शामिल किस मंत्री को पार्टी संगठन का चेहरा बनाकर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. ऐसे कई सवाल कार्यकर्ताओं और जनता के बीच में उठ रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन सभी सवालों के जवाब भी मिल जाएंगे.

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केशव और एके शर्मा को लेकर पक रही अलग खिचड़ी

सियासी अटकलों में चार चेहरे शामिल हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा कयासों पर आधारित खबरों के केंद्र में हैं. सरकार का मुखिया होने के नाते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम पर सबसे अधिक चर्चा की जा रही है. इसके बाद सरकार के दूसरे सबसे बड़े चेहरे केशव प्रसाद मौर्य की चर्चा है. केशव प्रसाद मौर्य पिछड़ा समाज के साथ ही हिंदुत्व के बड़े नेताओं में शुमार हैं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने की बात की जा रही है. वहीं अरविंद शर्मा का नाम इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि वह पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं. उन्हें वाराणसी समेत कुछ जिलों में कोरोना प्रबंधन के लिए लगाया गया है. पीएम मोदी कोरोना से लड़ने के लिए वाराणसी मॉडल की जमकर तारीफ भी कर चुके हैं.

क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक

राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार पीएन द्विवेदी बीएल संतोष के दौरे को 2022 विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर रिव्यू और रिचार्ज से जोड़कर देख रहे हैं. उनका कहना है कि बीएल संतोष का यह दौरा पार्टी और सरकार की समीक्षा करने के साथ ही कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरने के लिए था. इसके बाद शीर्ष नेतृत्व समीक्षा करेगा. 2022 चुनाव कैसे जीता जाए, इसको लेकर रणनीति तैयार करेगा. इसमें सरकार और संगठन में यदि फेरबदल की संभावनाएं बनेंगी तो वह भी करने से पार्टी गुरेज नहीं करेगी. उत्तर प्रदेश ही नहीं, केंद्र में भी मंत्रिमंडल विस्तार की बात चल रही है. दोनों जगह आगे-पीछे कुछ समय के अंतराल पर मंत्रिमंडल विस्तार होना है. पार्टी सारे सवालों को खत्म करके चुनाव में उतरना चाहेगी.

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Last Updated : Jun 2, 2021, 6:41 PM IST

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