नई दिल्ली :पार्टी के एक बड़े नेता ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता जल्द ही एक केंद्रीय टीम बनाएंगे जो पश्चिम बंगाल चुनाव में कमियों और गलतियों पर रिपोर्ट तैयार करेगी. जरूरत पड़ी तो टीम बंगाल जाकर कार्यकर्ताओं, राज्य के नेताओं और ब्लॉक व बूथ स्तर के प्रतिनिधियों से भी सवाल-जवाब करेगी.
उन्होंने यह कहा कि इसमें फिलहाल थोड़ा समय लग सकता है क्योंकि कोरोना का कहर जारी है. लेकिन पार्टी की सेंट्रल टीम वर्चुअल माध्यम से अपने नेताओं के साथ संपर्क कर एक रिपोर्ट तैयार करने की कोशिश करेगी. ताकि कमियों को सुधारकर 2024 चुनाव की तैयारी की जाए. यह भी देखा जाएगा कि दूसरी पार्टियों से आए प्रतिनिधियों में से कितनों की जीत हुई और कितने हारे.
इनका चुनाव परिणाम में क्या प्रभाव रहा और इनसे क्या नुकसान हुआ है. इसके अलावा मतुआ और राजबंशी समुदाय जो पश्चिम बंगाल में सीएए कानून का इंतजार कर रहे थे लेकिन मतुआ समुदाय को बीजेपी प्रभावित नहीं कर पाई. सूत्रों का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम नियमों को लागू करने और उसे अधिसूचित करने में जो केंद्र की तरफ से देरी पार्टी के लिए नुकसानदेह रही.
उत्तर 24 परगना और नादिया जहां मतुवा फैक्टर निर्णायक हैं वहां की 32 सीटों में से भाजपा ने 12 सीटें ही जीती हैं जबकि 20 सीटें तृणमूल के खाते में गई. वहीं राजवंशी समुदाय जो बांग्लादेश से ही आए हिंदू शरणार्थियों का समुदाय है उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को अपने बहुल इलाके में अच्छे वोटों से जिताया है.
इस समुदाय के प्रभाव वाली सीटों में से 11 सीटें हैं जिनमें से भारतीय जनता पार्टी ने 9 सीट पर जीत हासिल की है. वहीं दूसरी पार्टी से 148 नेता बीजेपी में शामिल हुए जिसमें एक दर्जन सीटिंग विधायक रहे लेकिन इनमें से मात्र छः ही जीत पाए.