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Cash for Query Row : महुआ मोइत्रा बोलीं-'बीजेपी का एजेंडा मुझे लोकसभा से बाहर निकालना है'

By ANI

Published : Oct 20, 2023, 6:34 PM IST

'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले में घिरी टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भाजपा पर निशाना साधा है. महुआ मोइत्रा ने कहा कि बीजेपी का एजेंडा उन्हें लोकसभा से बाहर निकालना है. TMC MP Mahua Moitra, Cash for Query, Chairman Ethics Committee, Trinamool Congress news, Cash for Query Scandel.

Cash for Query Row
महुआ मोइत्रा

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा (TMC MP Mahua Moitra) ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि 'भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एजेंडा मुझे लोकसभा से बाहर निकालना है.'

मोइत्रा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, 'चेयरमैन एथिक्स कमेटी खुले तौर पर मीडिया से बात करते हैं. कृपया नीचे लोकसभा नियम देखें. एक 'शपथ पत्र' मीडिया तक कैसे पहुंचता है? चेयरमैन को पहले इसकी जांच करनी चाहिए कि यह कैसे लीक हुआ. मैं दोहराती हूं - बीजेपी का 1 सूत्रीय एजेंडा है कि अडाणी पर मेरा मुंह बंद करने के लिए वह मुझे लोकसभा से निष्कासित करना चाहते हैं.'

इसके अलावा, संसदीय आचार समिति के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने शुक्रवार को जानकारी दी कि उन्हें 'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले के संबंध में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से एक हलफनामा मिला है, जिसमें इस विवाद में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा निभाई गई कथित भूमिका का उल्लेख है. एथिक्स पैनल के अध्यक्ष सोनकर ने कहा, 'मुझे दर्शन हीरानंदानी से एक पत्र/शपथ पत्र प्राप्त हुआ है.'

हीरानंदानी के हलफनामे में कहा गया है कि 'वह जानती थी कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अडाणी समूह के संयुक्त उद्यम धामरा एलएनजी के साथ एक समझौता कर रहा है... उसने कुछ सवालों का मसौदा तैयार किया, जिन्हें वह संसद में उठा सकती थी, जिसमें सरकार को शर्मिंदा करने और अडाणी समूह को निशाना बनाने वाले तत्व होंगे. उन्होंने सांसद के रूप में अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ साझा की, ताकि मैं उन्हें जानकारी भेज सकूं और वह सवाल उठा सकें. मैं उसके प्रस्ताव के साथ गया.'

हीरानंदानी का यह भी दावा है कि टीएमसी सांसद ने उनसे अनुग्रह और उपहार की भी मांग की. इससे पहले दिन में, टीएमसी सांसद ने 'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले में लोकसभा आचार समिति की जांच का स्वागत किया और कहा कि जब समिति उन्हें बुलाएगी तो वह पैनल के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं.

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में महुआ मोइत्रा ने कहा, 'मैं सीबीआई और एथिक्स कमेटी (जिसमें भाजपा सदस्यों का पूर्ण बहुमत है) को सवालों के जवाब देने का स्वागत करती हूं, अगर वे मुझे बुलाते हैं. अडाणी द्वारा निर्देशित मीडिया सर्कस ट्रायल या बीजेपी ट्रोल्स को जवाब देने के लिए मेरे पास न तो समय है और न ही रुचि है. मैं नादिया में दुर्गा पूजा का आनंद ले रही हूं. शुभो षष्ठी.'

इस बीच, वकील जय अनंत देहाद्राई ने एक्स पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो में दर्ज उनकी शिकायत को वापस लेने के लिए उनके खिलाफ प्रयास किए गए.

'कल दोपहर को हेनरी (उनके कुत्ते) के बदले में मुझे अपनी सीबीआई शिकायत और निशिकांत दुबे को लिखे पत्र को वापस लेने के लिए मजबूर करने का प्रयास किया गया. मैंने साफ मना कर दिया-सीबीआई को ब्योरा दूंगा. मैसेंजर पूरी तरह से निर्दोष है - लेकिन आपको उसके बारे में सब कुछ बताता है.' वकील ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर कटाक्ष है, जिनके खिलाफ 'कैश फॉर क्वेरी' के आरोप लगाए गए हैं.

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की संसद आचार समिति (Parliament Ethics Committee) को की गई शिकायत के अनुसार, वकील देहाद्राई ने उन्हें कथित 'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संलिप्तता का सबूत दिया था.

दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे में क्या :इससे पहले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी ने 3 पेज के हलफनामे में जवाब दिया और दावा किया कि महुआ मोइत्रा ने अडाणी समूह पर हमला करने को प्रसिद्धि के मार्ग के रूप में देखा. कथित तौर पर आरोप है कि 'कैश फॉर क्वेरी' घोटाले में भुगतान के पीछे हीरानंदानी थे.

महुआ ने उठाए सवाल :दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, 'हलफनामा सफेद कागज पत्र पर है, न कि आधिकारिक लेटरहेड या नोटरीकृत. भारत के सबसे सम्मानित/शिक्षित व्यवसायियों में से एक श्वेत पत्र पर इस तरह के पत्र पर हस्ताक्षर क्यों करेगा जब तक कि ऐसा करने के लिए उनके सिर पर बंदूक न रखी गई हो?'

मोइत्रा ने आरोप लगाया कि 'पत्र की सामग्री एक मजाक है. यह स्पष्ट रूप से पीएमओ में कुछ आधे-अधूरे लोगों द्वारा तैयार किया गया है जो भाजपा के आईटी सेल में एक रचनात्मक लेखक के रूप में काम करते हैं. यह मोदी और गौतम अडाणी के लिए गीत है, जबकि उनके हर प्रतिद्वंद्वी को मेरे और मेरे कथित भ्रष्टाचार से जोड़ता है.'

यह आरोप लगाते हुए कि व्यवसायी हीरानंदानी को पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 'मजबूर' किया गया, मोइत्रा ने कहा,'पीएमओ ने दर्शन और उनके पिता के सिर पर बंदूक रख दी और उन्हें भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया. उन्हें अपने सभी व्यवसाय पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी गई. उन्हें बताया गया कि वे ख़त्म हो जायेंगे, सीबीआई उन पर छापा मारेगी और सभी सरकारी व्यवसाय बंद कर दिए जाएंगे और सभी पीएसयू बैंकों का वित्तपोषण तुरंत बंद कर दिया जाएंगे.'

इससे पहले निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था. उन्होंने आरोप लगाया था कि तृणमूल कांग्रेस सांसद ने 'विशेषाधिकार का गंभीर उल्लंघन' किया है. साथ ही उन्होंने 'सदन की अवमानना' और आईपीसी की धारा 120 ए के तहत 'आपराधिक अपराध'' का आरोप लगाया था. दुबे ने दावा किया कि एक वकील, जय अनंत देहाद्राई ने उन्हें रिश्वत के सबूत उपलब्ध कराए थे. इस पत्र के जवाब में टीएमसी सांसद ने कहा था कि वह अन्य भाजपा सांसदों द्वारा कथित विशेषाधिकार हनन के मामले में स्पीकर द्वारा जांच का स्वागत करेंगी.

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