नई दिल्ली :पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आक्रामक है. इसी सिलसिले में बीजेपी आज देशभर में पाकिस्तान के विदेश मंत्री के विरोध में प्रदर्शन करेगी. इसके साथ-साथ बीजेपी कार्यकर्ता पाकिस्तान और पाक विदेश मंत्री का पुतला भी जलाएंगे, इससे पहले शुक्रवार को भी पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को यहां पाकिस्तान उच्चायोग के पास प्रदर्शन किया.
प्रदर्शनकारियों ने भुट्टो की 'असंवेदनशील' टिप्पणी के लिए माफी की भी मांग की. प्रदर्शनकारियों के हाथों में भाजपा के झंडे और तख्तियां थीं, जिनमें से कुछ पर लिखा था, 'पाकिस्तान औकात में आओ और माफी मांगो' और 'पाकिस्तान होश में आओ'.
मोदी के खिलाफ निजी टिप्पणी के लिए भुट्टो की आलोचना करते हुए पार्टी के एक नेता ने कहा, 'हम भुट्टो की टिप्पणी की निंदा करते हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं. उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि उनके नाना ने भारत से माफी मांगी थी.'
पार्टी के एक नेता ने कहा, 'भारतीय नेता पर हमला करने के लिए पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र से बाहर कर देना चाहिए. वे आतंकवादियों को शरण देते हैं.' एक अन्य नेता ने कहा कि भुट्टो को भारतीय नेताओं के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था.
ताहिर खान नाम के भाजपा नेता ने कहा, 'हम अपने नेता के खिलाफ इस तरह के असंवेदनशील बयान को बर्दाश्त नहीं करेंगे. पाकिस्तान को माफी मांगनी चाहिए.'
भुट्टो ने यह टिप्पणी भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर पाकिस्तान पर तीखा हमला करने के बाद की.
दरअसल पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने आतंकवाद पर नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच सहयोग का आह्वान किया है, लेकिन भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला भी किया था. एक संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तानी रिपोर्टर द्वारा पूछे गए सवालों पर उन्होंने मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी.
बिलावल भुट्टो ने आरएसएस पर भी हमला करते हुए कहा था कि यह महात्मा गांधी की विचारधारा में विश्वास नहीं करते, जिनकी प्रतिमा संयुक्त राष्ट्र परिसर में स्थापित की गई है. यह उनके हत्यारे का सम्मान करते हैं. भुट्टो ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका को खारिज किया और कहा, ओसामा बिन लादेन मर चुका है, यह समय आगे बढ़ने का है.
जयशंकर ने आतंकवाद मुद्दे पर दिखाया पाक को आईना :भुट्टो-जरदारी से पहले अपने संवाददाता सम्मेलन में, जयशंकर ने कहा था, सच्चाई यह है कि आज हर कोई उन्हें (पाकिस्तान को) आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखता है.
उन्होंने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा कि कोविड महामारी के पिछले ढाई साल के बाद बहुत से लोग भ्रम में हैं. लेकिन मैं आश्वस्त करता हूं कि दुनिया भूली नहीं है कि क्षेत्र में बहुत सारी (आतंकी) गतिविधियों पर उनकी (पाकिस्तान की) उंगलियों के निशान हैं और ये गतिविधियां (हमारे) क्षेत्र से भी परे जारी हैं.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस देश ने अल-कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन को सुरक्षित पनाहगाह दी और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसे संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था में 'उपदेश' देने का कोई अधिकार नहीं है.
बहस की अध्यक्षता कर रहे जयशंकर ने भुट्टो की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड बिन लादेन का जिक्र किया, जो पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में रह रहा था और मई 2011 में अमेरिकी नौसैनिकों की कार्रवाई में मारा गया था.
पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के आतंकवादियों ने 2001 में भारत के संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें नौ लोग मारे गए थे. पांच अगस्त 2019 को भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है. भारत के फैसले पर पाकिस्तान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, उसने राजनयिक संबंध घटा दिए और भारतीय दूत को निष्कासित कर दिया.
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से स्पष्ट रूप से कहा है कि अनुच्छेद-370 को खत्म करना उसका आंतरिक मामला है. भारत ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी दुष्प्रचार बंद करने की सलाह भी दी है. भारत ने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंधों की इच्छा रखता है.
पाक ने अलापा कश्मीर राग :इस पर भुट्टो-जरदारी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में चार भारतीयों को जोड़ने के पाकिस्तान के प्रयास असफल रहे, ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत का प्रभाव अधिक था. पाकिस्तान के मंत्री ने जोर देकर कहा कि भारत धर्मनिरपेक्षता से दूर जा रहा है. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान को आतंकवादियों की नापाक गतिविधियों से लड़ने के लिए एक साथ आना चाहिए.
उन्होंने कहा, आइए भविष्य की ओर देखें और यह सुनिश्चित करें कि आगे चलकर किसी भी पाकिस्तानी को अपने जीवन के लिए यह चिंता न करनी पड़े कि बच्चे घर आएंगे या नहीं, और यह कि किसी भी भारतीय को यह चिंता नहीं करनी चाहिए कि उसका परिवार, उसके बच्चे खतरे में हैं. भुट्टो-जरदारी ने यह भी कहा कि जब तक कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल नहीं किया जाता, तब तक भारत के साथ मेल-मिलाप की कोई गुंजाइश नहीं है.
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(भाषा इनपुट के साथ)