नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र में पारित ओबीसी संशोधन विधेयक पारित किया गया. इसको लेकर भाजपा काफी उम्मीद लगाए बैठी है और पार्टी आने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में इसे गेमचेंजर के रूप में देख रही है. ओबीसी मतदाताओं को बड़े पैमाने पर लुभाने के लिए संसद सत्र में आनन-फानन में यह बिल पारित कराया गया है, ताकि 2022 के पांच राज्यों के चुनाव में इसका पूरा पूरा फायदा पार्टी उठा सके.
भाजपा ओबीसी मतदाताओं की जनसंख्या जानने के लिए करा रही सर्वे
अब देखना यह है कि पार्टी इसके लिए क्या तैयारी कर रही है, तो सबसे पहले हम आपको बता दें कि भाजपा की नजर इस बिल को लेकर 5 राज्यों के वोट बैंक पर तो है. इसके अलावा भाजपा जिन पांच राज्यों में चुनाव हैं वहां पर अंदर खाने सर्वे भी करा रही है कि इन राज्यों में कुल ओबीसी मतदाता कितनी संख्या में है और कौन से क्षेत्र ओबीसी बहुल मतदाता क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं, ताकि पार्टी के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर, इस एजेंडे के तहत ओबीसी नेताओं के माध्यम से उस इलाके के ओबीसी वोटरों को रिझाने में आसानी हो सके.
ओबीसी संशोधन बिल को गेम चेंजर मान रही भाजपा
वैसे तो पार्टी पांच राज्यों के चुनाव के लिए, उपलब्धियों की, लंबी चौड़ी लिस्ट तैयार कर रही है, मगर ओबीसी संशोधन बिल को वह गेम चेंजर की तरह मान रही है. नाम न लेने की शर्त पर पार्टी के एक राष्ट्रीय सचिव ने बताया कि ओबीसी मतदाता वोट बैंक से संबंधित लिस्ट भी तैयार की जा रही है, खास तौर पर इस बिल का प्रचार प्रसार यूपी में किया जाना है, जहां ओबीसी वोट बैंक के मतदाताओं की अच्छी खासी प्रतिशत है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बाकी पार्टियां जातियों के नाम पर वोट तो मांगती हैं, मगर उनके लिए कुछ करती नहीं, लेकिन भाजपा जो कहती है वह करती भी है और जो उपलब्धियां हैं. उन्हें जनता तक ले जाना या उसके लिए अभियान चलाया जाना को गलत नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि ओबीसी मतदाताओं को भी यह मालूम होना चाहिए कि सरकार ने उनके लिए अभी तक क्या-क्या किया है