कोलकाता : भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब से अनुरोध किया कि वो उस कथित ऑडियो क्लिप पर संज्ञान लें –जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कूच बिहार गोलीबारी के पीड़ितों के शवों के साथ रैली का प्रस्ताव देते सुनी जा रही हैं- क्योंकि राज्य में जारी चुनावों के बीच ऐसे किसी कदम से तनाव और बढ़ सकता है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वपन दासगुप्ता ने यहां सीईओ कार्यालय पहुंचे पार्टी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया. दासगुप्ता ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने आफताब को उस बातचीत से अवगत कराया जो संभवत: बनर्जी और सीतलकूची से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच हुई, और बताया कि इसकी वजह से विधानसभा चुनाव के अगले तीन चरणों में अप्रिय स्थिति बन सकती है.
टीएमसी पहले ही इस ऑडियो क्लिप को फर्जी बता चुकी है और पार्टी का कहना है कि ऐसे कोई बातचीत नहीं हुई.
ताराकेश्वर विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार दासगुप्ता ने कहा कि सीईओ से इस मामले को निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों के समक्ष उठाने का भी अनुरोध किया गया है.
उन्होंने दावा किया कि यह ऑडियो टेप किसी उद्देश्य से लीक किया गया था.
दासगुप्ता ने कहा, हमें नहीं लगता कि यह फोन टैपिंग का मामला है.
उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि भाजपा निर्वाचन आयोग द्वारा लगाई गई सभी कोविड-19 संबंधी पाबंदियों का खुशी से पालन करेगी जिनमें अगले तीन चरणों के चुनावों के दौरान मतदान से 72 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद करना भी शामिल है.
पूर्व सांसद ने कहा, एक जिम्मेदार दल के तौर पर हम निर्वाचन आयोग का हर तरह से सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
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बनर्जी और सीतलकूची सीट से टीएमसी उम्मीदवार पार्थ प्रतिम रे के बीच टेलीफोन पर हुई कथित बातचीत के अंश जारी करते हुए भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने शुक्रवार को दावा किया था, पार्टी नेताओं को शवों के साथ रैलियां निकालने को कहकर मुख्यमंत्री दंगा भड़काने की कोशिश कर रही हैं.
उन्होंने कहा, उन्हें अपनी पार्टी उम्मीदवार से यह कहते सुना जा रहा है कि मामला इस तरह बनाना कि पुलिस अधीक्षक (कूच बिहार के) और अन्य केंद्रीय बल कर्मियों को फंसाया जा सके। क्या एक मुख्यमंत्री से यह उम्मीद की जाती है? वह सिर्फ अल्पसंख्यक मतों के लिये लोगों में भय पैदा करने की कोशिश कर रही हैं.
राज्य में चौथे चरण के मतदान के दौरान 10 अप्रैल को केंद्रीय बलों ने कूच बिहार जिले के सीतलकूची विधानसभा क्षेत्र में कथित तौर पर स्थानीय लोगों के हमले के बाद गोली चलाई थी, जिसमें एक बूथ के निकट चार लोगों की मौत हो गई थी.