नई दिल्ली : सुभाष चंद्रा, जहां खुद को राजस्थान का बेटा बताकर समर्थन जुटा रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी, अलग अलग राज्यों में हो रहे चुनावी समीकरण में अलग सियासी खेल, खेल रही है. कांग्रेस अपनी पार्टी के नेताओं को ही भरोसे में नही ले पा रही है और इसका पूरा-पूरा फायदा केंद्र की सत्ताधारी पार्टी उठाने की कोशिश कर रही है.
राजस्थान में कांग्रेस की तरफ से बाहरी को दिए गए टिकट ने बीजेपी को अप्रत्यक्ष रूप से फायदा पहुंचाया है. जहां कांग्रेस के नाराज नेता सुभाष चंद्रा को वोट करने का दावा कर रहे हैं, वहीं अगर वो हारते भी हैं तो निर्दलीय होने के नाते हार की शर्मिंदगी भाजपा को नहीं उठानी पड़ेगी.
इस तरह यदि दूसरे राज्यों के राज्यसभा चुनाव पर सियासी समीकरण देखें, तो राजस्थान की तरह हरियाणा में भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गईं है. यहां भी निर्दलीय उम्मीदवार को बीजेपी ने समर्थन देकर कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की धड़कनें बढ़ा दी हैं, जबकि हरियाणा में बीजेपी उम्मीद्वार कृष्ण लाल पवार की जीत भी सुनिश्चित दिखाई पड़ रही है.
कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी से विशेष बातचीत हरियाणा में कुल 90 विधायक हैं. राज्यसभा की सीट के चुनाव के लिए कम से कम 31 वोट की जरूरत होती है. और कांग्रेस के पास मात्र 31 वोट हैं. यदि विधायक ने भी क्रॉस वोटिंग की तो अजय माकन राज्यसभा में आने से चूक सकते हैं. सूत्रों की माने तो बीजेपी के रणनीतिकार इसी बात बात की जुगाड़ लगा रहे हैं. यही नहीं कांग्रेस नेता रहे विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा ने भी आखिरी समय में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी उम्मीदवारी भर दी है, जिसने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. बीजेपी इसका फायदा उठाने में कतई नहीं चूकना चाहती है. और इन्हीं समीकरण ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ कर रख दिया है.
इसी तरह ,कर्नाटक में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही चौथी सीट के लिए अतिरिक्त उम्मीदवार उतारे हैं. जिसने जनता दल यूनाइटेड की नींद हराम कर दी है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से विशेष बातचीत करते हुए कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पहले से राजस्थान कांग्रेस इकाई में फूट है और राज्यसभा में उन्हें एक भी ऐसा कार्यकर्ता या नेता नही मिला, जिसपर वो विश्वास कर सकें और उन्होंने बाहर से लेकर उम्मीद्वार खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कहा कि बाहरी उम्मीदवार राजस्थान की जनता या उसका दुख दर्द क्या समझ पाएगा.
इस सवाल पर कि राजस्थान में रहकर कांग्रेस के नेता अपनी ही पार्टी के खिलाफ कदम उठा रहे या बयानबाजी कर रहे, इसपर क्या टिप्पणी है. कैलाश चौधरी ने कहा कि उनकी आपसी फूट की वजह से प्रदेश की जनता खामियाजा भुगत रही. उन्होंने कहा कि राजस्थान में लूट मची है और राजस्थान की जनता इसी वजह से कांग्रेस से नाराज है. यहां पर भ्रष्टाचार चरम पर है. अब राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में बाहरी उम्मीदवार को रखकर उन्होंने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी नाराज कर दिया है. इसका गुस्सा है जो राज्यसभा के चुनाव परिणाम में नजर आएगा और पूरी बहुमत से भाजपा जीतेगी.