कोलकाता : भाजपा की पश्चिम बंगाल (West Bengal) इकाई ने अब मुकुल रॉय को पश्चिम बंगाल विधानसभा के सदस्य (West Bengal legislative assembly) के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है.
राज्य भगवा इकाई ने शुक्रवार को स्पीकर बिमन बंदोपाध्याय (Biman Bandopadhya) के कक्ष में इस मामले पर सुनवाई के बाद निर्णय लिया है, जो तीन मिनट के भीतर समाप्त हो गया था.
स्पीकर ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) से संक्षिप्त बातचीत के बाद सुनवाई की अगली तारीख 30 जुलाई तय की. उन्होंने विपक्ष के नेता से रॉय की अयोग्यता पर उनकी मांग से संबंधित कुछ अतिरिक्त दस्तावेज जमा करने को भी कहा.
अधिकारी ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि भाजपा ने अदालत का रुख करने का फैसला किया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि शुक्रवार को स्पीकर का फैसला बिना किसी सुनवाई के बराबर है.
भाजपा सूत्रों ने कहा कि वे 30 जुलाई से पहले ही अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. वे रॉय की अयोग्यता पर अपनी मांग के समर्थन में अदालत में 64 पेज की याचिका दाखिल करेंगे. यह वही याचिका है जो बीजेपी पहले ही स्पीकर के कार्यालय (speaker's office) में जमा कर चुकी है.
बता दें कि शुभेंदु अधिकारी ने विधायक मुकुल रॉय को लोक लेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किए जाने को लेकर मंगलवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और रॉय की नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए हस्तक्षेप का अनुरोध किया था.
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अधिकारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए मुकुल रॉय सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा के सदस्य नहीं रह गए हैं और रॉय का पीएसी अध्यक्ष बनाया जाना तय नियमों का उल्लंघन है, क्योंकि इस पद पर विपक्षी दल के किसी नेता को नियुक्त किया जाता है.
भाजपा नेता अधिकारी ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपने सदस्य को पीएसी का अध्यक्ष चुना जाना सुनिश्चित किया, जोकि ऐसी संस्था है जो सरकारी खर्चों पर नजर रखती है.