नई दिल्ली :पंजाब में अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में अकेले लड़ने का फैसला किया है. इसी सिलसिले में शुक्रवार को पार्टी ने नए राज्य प्रभारियों की एक टीम भी बनाई है. वहीं, सोमवार को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के नेता तरुण चुघ ने आधिकारिक रूप से कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी अकेले लड़ेगी. किसी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. बता दें, बीजेपी ने सभी 117 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का एलान किया है.
1992 तक अकेले लड़ा उसके बाद अकाली दल से किया गठबंधन
बीजेपी महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि पार्टी इसके लिए तैयारियों में जुट गई है. उन्होंने कहा कि पंजाब में बीजेपी ने 1992 तक अकेले चुनाव लड़ा था, उसके बाद राज्य में अकाली दल से गठबंधन किया. वहीं, तरुण चुघ ने कहा कि कृषि बिल को लेकर अकाली दल ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया है.
दलित वोटबैंक को साधने का कर रही प्रयास
वहीं, नए राज्य प्रभारियों की लिस्ट में पार्टी महासचिव दुष्यंत गौतम का नाम भी शामिल है. उन्हें पंजाब, चंडीगढ़ और उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया है. पंजाब में दलित मतदाताओं के वोट बैंक को देखते हुए पार्टी ने दुष्यंत गौतम को यह जिम्मेदारी सौंपी है. बता दें, दुष्यंत गौतम भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के दो बार अध्यक्ष रहे चुके हैं. पंजाब की 30% से अधिक आबादी दलित है, जो देश के किसी भी राज्य में सबसे अधिक है. इसी वजह से बीजेपी दलित मतदाताओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है.