दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

BJP Targeted Congress: जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 इतिहास, क्या राहुल गांधी बहाली के लिए हासिल कर पाएंगे बहुमत- भाजपा

भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पर हमलावर है. पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अनुच्छेज 370 अब इतिहास है.

Senior leaders Ravi Shankar Prasad and Rahul Gandhi
वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद व राहुल गांधी

By

Published : Jan 24, 2023, 6:52 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल करने के लिए कांग्रेस को दो-तिहाई बहुमत हासिल करना होगा और क्या उन्हें लगता है कि कांग्रेस ऐसा कर पाएगी? पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास है तथा इस पूर्ववर्ती राज्य के लोग उस स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं जो उन्हें कई सालों तक नहीं मिली थी.

एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा, 'अनुच्छेद 370 अतीत है. वह संविधान द्वारा हो गया. हम बहुत विनम्रता से राहुल गांधी को चुनौती देते हैं. 370 एक संवैधानिक प्रक्रिया के तहत निरस्त हुआ है. उसके लिए दो तिहाई बहुमत चाहिए. तो राहुल गांधी जी क्या आपको लगता है कि कभी दो तिहाई बहुमत आपको मिलेगा?' ज्ञात हो कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू पहुंचने पर राहुल गांधी ने सोमवार को कहा था कि राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग जम्मू एवं कश्मीर का सबसे बड़ा मुद्दा है और कांग्रेस इसे बहाल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देगी.

प्रसाद ने इस मुद्दे पर राहुल गांधी को खुलकर बात करने की चुनौती दी और सवाल किया कि वह 'एडहॉक कमेंट' (तदर्थ टिप्पणी) क्यों करते हैं? उन्होंने कहा, 'आज जो लोग खड़े हैं, उनसे भी मैं कहता हूं. अनुच्छेद 370 अब इतिहास है. जम्मू एवं कश्मीर के लोग उस स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, जो उन्हें कई सालों तक नहीं मिल सकी थी.' मालूम हो कि केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था.

इसके साथ ही राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था. कश्मीर में बेरोजगारी सहित अन्य मुद्दों पर राहुल गांधी द्वारा सवाल उठाए जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा, 'अतार्किक और अप्रासंगिक सवाल पूछने के बजाय, राहुल गांधी को तथ्यों और आंकड़ों के बारे में बात करनी चाहिए. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद जम्मू एवं कश्मीर में जो समृद्धि सामने आई है, वह अद्वितीय है.'

प्रसाद ने सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय सिंह की विवादास्पद टिप्पणी को अपनी 'निजी राय' बताकर खारिज करने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की और सवाल किया कि सशस्त्र बलों के प्रति अपने सम्मान की सार्वजनिक घोषणा करने में उन्हें इतना समय क्यों लगा? उन्होंने कांग्रेस से आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी अपना रुख स्पष्ट करने को भी कहा. उन्होंने कहा, 'सवाल निजी विचार का नहीं है. सवाल प्रशिक्षण का है. सेना के प्रति सम्मान के स्तर का है.'

उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी हजारों किलोमीटर साथ चलने के बाद भी आप दिग्विजय सिंह को भारत की सेना का सम्मान करना क्यों नहीं सिखा पाए? वह भी कश्मीर के अंदर, ये बड़े शर्म की बात है.' प्रसाद ने कहा कि ये देश सेना की शहादत का सबूत नहीं मांगता, उनके बलिदान को सलाम करता है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह द्वारा विवादास्पद टिप्पणी किए जाने का एक इतिहास रहा है, वह चाहे जाकिर नाइक को शांति का दूत बताया जाना हो या बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के परिवार से मुलाकात कर इस पर सवाल खड़े करना हो.

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मोदी सरकार पर हमला करने के लिए 'खून की दलाली' शब्द का इस्तेमाल किया था और 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' को नैतिक समर्थन देने के लिए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) का दौरा किया था. भाजपा नेता ने सवाल किया कि उन्हें सार्वजनिक रूप से यह कहने में इतने साल क्यों लग गए कि वह सशस्त्र बलों का सम्मान करते हैं.

पढ़ें:Rahul Gandhi on Surgical Strike: राहुल बोले- सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय के बयान से सहमत नहीं

प्रसाद ने कहा कि सेना और सुरक्षाबलों के बारे में अपने पूर्व के बयानों के राहुल गांधी को माफी भी मांगनी चाहिए. राहुल ने मंगलवार को कहा कि वह और कांग्रेस सर्जिकल स्ट्राइक पर सिंह की टिप्पणियों से सहमत नहीं हैं और सशस्त्र बलों को कोई सबूत देने की जरूरत नहीं है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details