जयपुर.राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हेलीकॉप्टर उड़ान विवाद को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. सीएम गहलोत के हेलीकॉप्टर उड़ान को अनुमति नहीं मिलने के दावों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गलत बताते हुए स्पष्ट किया कि उन्हें अनुमति दे दी गई है. इस बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने डर का भी इस्तेमाल राजनीति के लिए कर रहे हैं, लेकिन जनता की दया उनको मिलने वाली नहीं है. इसपर सीएम गहलोत ने कहा कि गृह मंत्रालय ने गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है.
डर का राजनीतिक इस्तेमाल :बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट कर लिखा कि 'वाह मुख्यमंत्री आप अपने डर का भी राजनीतिक इस्तेमाल करते हैं. अपने विरोध के डर से सांगलिया धूणी कार्यक्रम में नहीं आने का जो बहाना आपने ढूंढा है, उससे जनता की दया नहीं मिलने वाली न ही केंद्र सरकार के प्रति किसी की कोई नाराजगी होगी'.
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गृह मंत्रालय का खंडन :बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया था कि उनकी हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए गृह मंत्रालय की ओर से मंजूरी नहीं दी गई, जिसके चलते वो सभा में नहीं जा पाए. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि उनके सभी 4 अनुरोधों को मंजूरी दी गई थी. एक समाचार पत्र में छपी खबर में राजस्थान के मुख्यमंत्री ने एमएचए हेलीकॉप्टर उड़ान के लिए मंजूरी से इनकार करने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि उड़ान के लिए मुख्यमंत्री राजस्थान से सीकर सहित 4 अनुरोध प्राप्त हुए थे, सभी अनुरोध को गृह मंत्रालय ने पहले ही स्वीकृत कर दिया था. मुख्यमंत्री राजस्थान के किसी भी अनुरोध को अस्वीकार नहीं किया गया है.
जनता में भ्रम फैलाया जा रहा है :गृह मंत्रालय की ओर से किए गए पोस्ट पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पलटवार किया है. गहलोत ने भी पोस्ट कर लिखा कि कल उदयपुर से जयपुर प्लेन से और जयपुर से सीकर और सीकर से निवाई हेलीकॉप्टर से जाने का कार्यक्रम था. इसके लिए हेलीकॉप्टर को एडवांस में उदयपुर से जयपुर पहुंचना था, लेकिन ऐसा बताया कि जी-20 के प्रोटोकॉल के कारण हेलीकॉप्टर या प्लेन तभी यात्रा कर सकते हैं जब CM स्वयं उसमें सवार हों. गहलोत ने आगे लिखा कि जी-20 के नाम पर मुझे कोई विवाद पैदा नहीं करना था, इसलिए इसकी कोई निंदा नहीं की. केवल जनता को तथ्यों की जानकारी दी थी, लेकिन मुझे दुख है कि गृह मंत्रालय ने गलत तथ्यों की जानकारी देकर जनता में भ्रम फैलाने का असफल प्रयास किया है.