नई दिल्ली :एंटीलिया केस में दिल्ली से लेकर मुंबई तक हलचल मची हुई है. इस मामले को भाजपा ने कहीं न कहीं राजनीतिक रंग देते हुए इसे राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है, जहां तक बात चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव की है तो इसे देखते हुए महाराष्ट्र के इस मुद्दे पर जमकर सियासत हो रही है.
मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया केस मामले में अब मुंबई से लेकर दिल्ली तक सियासी हलचल तेज हो गई है. शुक्रवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख दिल्ली पहुंचे और उन्होंने अपने वरिष्ठ नेता शरद पवार से मुलाकात की. अंदरखाने यह खबर आ रही है कि शरद पवार इस मामले को ठीक से हैंडल न करने की वजह से अनिल देशमुख से नाराज हैं. इसी नाराजगी की वजह से अनिल देशमुख को आनन-फानन में राजधानी दिल्ली पहुंचकर नेता शरद पवार से मिलना पड़ा है.
भाजपा ने लगाए राज्य सरकार पर आरोप
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में विपक्ष यानी भाजपा लगातार एंटीलिया मुद्दे को अलग-अलग राजनीतिक पटल पर उठा रही है. भाजपा का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार शुरू से इस मामले को एनआईए को सौंपने का विरोध कर रही थी. मगर जब भाजपा ने इसकी मांग बार-बार उठाई तो उसे मजबूरन मामले को एनआईए को देना पड़ा. यही नहीं पार्टी इस मामले में और भी गंभीर आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र में गिरफ्तार किए गए सहायक कमिश्नर पुलिस सचिन वाजे को भी बचाने का आरोप राज्य सरकार पर लगा रही है.
हर मामले पर भाजपा ने सरकार को घेरा
अगर देखा जाए तो महाराष्ट्र की सरकार जब से बनी है तब से ही एक के बाद एक मुद्दों पर भाजपा हमलावर है. कहीं न कहीं बहुत कम ही ऐसा समय रहा जब महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार की गाड़ी सुचारू रूप से चलती हुई नजर आई हो. मामला चाहे सरकार गिराने का हो, पालघर के साधुओं की मॉब लिंचिंग का हो या फिर सुशांत सिंह राजपूत खुदकुशी मामला हो. या फिर कंगना रनौत से जुड़ा मामला हो, हर मुद्दे पर जमकर राजनीति हुई.