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राजद्रोह मामला : सुल्ताना के समर्थन में उतरे मंत्री, भाजपा ने की निंदा - आयशा सुल्ताना

भाजपा ने राजद्रोह के आरोप का सामना कर रही फिल्मकार आयशा सुल्ताना का समर्थन करने के लिए केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी की निंदा की. बता दें, लक्षद्वीप पुलिस ने द्वीपसमूह में कोरोना के प्रसार के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी को लेकर हाल में सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था. दरअसल, आयशा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 'केंद्र सरकार प्रफुल्ल पटेल को लक्षद्वीप के खिलाफ बायो-हथियार के रूप में उसी तरह इस्तेमाल कर रही है जैसे चीन ने अन्य देशों के खिलाफ कोरोना वायरस का इस्तेमाल किया था. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

आयशा सुल्ताना
आयशा सुल्ताना

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Published : Jun 14, 2021, 5:47 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 7:18 PM IST

तिरुवनंतपुरम : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजद्रोह के आरोप का सामना कर रही फिल्मकार आयशा सुल्ताना (filmmaker Ayesha Sulthana) का समर्थन करने के लिए केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी की निंदा की. भाजपा के वरिष्ठ नेता और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मानम राजशेखरन (Kummanam Rajasekharan)ने सुल्ताना को समर्थन देने का वादा करने के लिए शिवनकुट्टी पर निशाना साधते हुए मंत्री के इस कृत्य को 'अत्यधिक निंदनीय' और 'असंवैधानिक' बताया.

लक्षद्वीप पुलिस ने द्वीपसमूह में कोविड-19 के प्रसार के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी को लेकर हाल में सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया था.

राजशेखरन ने कहा कि महिला फिल्मकार के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि यह टिप्पणी देश के सांप्रदायिक सद्भाव और एकता को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाने की साजिश है. उन्होंने कहा, 'किसी अन्य राज्य में दर्ज मामले में हस्तक्षेप करने के लिए संवैधानिक पद धारण करने वाले मंत्री के लिए यह असंवैधानिक कृत्य है.'

शिवनकुट्टी पर अपने गृह क्षेत्र नेमोम में कथित भ्रष्टाचार और हिंसा पर चुप रहने का आरोप लगाते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ऐसे लोगों का समर्थन करने के पीछे मंत्री की मंशा समझ में आती है.

माकपा के वरिष्ठ नेता और शिक्षा एवं श्रम मंत्री शिवनकुट्टी ने पिछले हफ्ते सुल्ताना को फोन कर लक्षद्वीप प्रशासक की कथित तानाशाही और फासीवादी नीतियों के खिलाफ लड़ाई में उनके साथ एकजुटता व्यक्त की थी. बाद में एक बयान जारी कर मंत्री ने कहा था कि सुल्ताना अपनी लड़ाई में अकेली नहीं हैं और देश का पूरा लोकतांत्रिक समुदाय उनके साथ है.

इस बीच, महिला फिल्मकार के खिलाफ राजद्रोह का आरोप लगाने के लिए लक्षद्वीप पुलिस की निंदा करते हुए राज्य विधानसभा के अध्यक्ष एम बी राजेश ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले ही फैसला सुनाया था कि केवल सार्वजनिक हिंसा या अव्यवस्था पैदा करने वाले कार्य ही 124-ए के दायरे में आते हैं.

यह भी पढ़ें- लक्षद्वीप : अभिनेत्री आयशा सुल्ताना के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज

उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, 'अंतरराष्ट्रीय कानून और सभ्य समाज अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सर्वोपरि मानते हैं. इस समय आयशा सुल्ताना पर एक टेलीविजन चर्चा के दौरान लक्षद्वीप प्रशासक के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए राजद्रोह का आरोप लगाया गया है.'

लक्षद्वीप पुलिस ने पिछले हफ्ते भाजपा के एक नेता की शिकायत के बाद, आयशा सुल्ताना के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया था. उनपर आरोप है कि उन्होंने एक टीवी बहस के दौरान केंद्र शासित प्रदेश में कोविड​​-19 के प्रसार के बारे में झूठी खबर फैलाई थी. भाजपा की लक्षद्वीप इकाई के अध्यक्ष अब्दुल खादर ने यह शिकायत दर्ज कराई थी.

क्या है मामला
दरअसल, आयशा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 'केंद्र सरकार प्रफुल्ल पटेल को लक्षद्वीप के खिलाफ बायो-हथियार के रूप में उसी तरह इस्तेमाल कर रही है जैसे चीन ने अन्य देशों के खिलाफ कोरोना वायरस का इस्तेमाल किया था. हालांकि आयशा सुल्ताना ने स्पष्ट किया कि वह प्रफुल्ल पटेल की बात कर रही थीं न कि देश या सरकार की.

आयशा ने फेसबुक पर लिखा कि यह वायरस लक्षद्वीप में प्रफुल्ल पटेल और उनके साथियों के माध्यम से फैला था, जहां एक साल से एक भी कोविड की सूचना नहीं मिली थी और इस संदर्भ में उनकी तुलना जैव-हथियार से की गई थी.

(पीटीआई भाषा)

Last Updated : Jun 14, 2021, 7:18 PM IST

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