नई दिल्ली : भाजपा के द्वारा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को क्रमश: राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिया गया है. फलस्वरूप छत्तीसगढ़ और राजस्थान में रविवार को और मध्य प्रदेश में सोमवार को विधायकों की बैठक होगी, जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव होगा.
छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायकों की होगी रविवार को बैठक
छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता चुनने के लिए भाजपा के नवनिर्वाचित 54 विधायकों की रविवार को बैठक होगी. बैठक के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा -इस पर 'सस्पेंस' खत्म होने की संभावना है. भाजपा ने पिछले महीने विधानसभा चुनाव से पहले अपने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक रविवार को होगी. पार्टी के तीन पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल तथा पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम बैठक में मौजूद रहेंगे.
उन्होंने बताया कि पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य के लिए पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नबीन भी वहां मौजूद रहेंगे. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 90 में से 54 सीट जीती हैं. वहीं 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीट पर सिमट गई है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) एक सीट जीतने में कामयाब रही. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यदि भाजपा 2003 से 2018 तक तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके रमन सिंह को नहीं चुनेगी तो वह किसी ओबीसी या आदिवासी मुख्यमंत्री को चुनेगी.
आदिवासी समुदाय से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम और लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय दावेदारों में शामिल हैं. राज्य की आबादी में आदिवासी समुदाय की हिस्सेदारी 32 फीसदी है और भाजपा ने इस बार अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 सीट जीती हैं.
भाजपा ने 2018 में आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट में केवल तीन सीट जीती थीं. उसने इस बार आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में सभी 14 सीट पर जीत हासिल की है. कांग्रेस ने 2018 में संभाग की सभी 14 सीटें जीती थी. विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से हैं. विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे चुके प्रदेश अध्यक्ष साव और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं तथा मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. साव प्रभावशाली साहू (तेली) समुदाय से आते हैं जिनकी दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर संभागों में बड़ी उपस्थिति है. राज्य की आबादी में ओबीसी की हिस्सेदारी करीब 45 फीसदी है.
राजस्थान में विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए कल होगी बैठक
राजस्थान विधानसभा के चुनाव में भाजपा के बहुमत हासिल कर लेने के बाद अब मुख्यमंत्री के चयन को लेकर गहमा गहमी जारी है. वहीं पार्टी हाईकमान ने राजस्थान के लिए तीन पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, विनोद तावडे और सरोज पांडेय नियुक्त किया है. इनमें तावडे और सरोज पांडेय के शनिवार शाम और राजनाथ सिंह के रविवार को जयपुर पहुंच जाएंगे. वहीं रविवार को ही विधायक दल की बैठक होगी जिसमें विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा. संभावना है कि राजस्थान की नई सरकार का गठन 15 दिसंबर तक कर लिया जाएगा.
बता दें कि राजस्थान में दो बार मुख्यमंत्री का पद संभाल चुकी वसुंधरा राजे अबकी बार भी सीएम पद की प्रबल दावेदार है. यही वजह है कि चुनाव के रिजल्ट आने के बाद से वह विधायकों से मिल रही हैं. इसी कड़ी में वह दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मिल चुकी हैं. इनके अलावा दीया कुमार भी मुख्यमंत्री पद की दावेदार हैं, साथ ही बाबा बालकनाथ भी सीएम की दौड़ में शामिल हैं. हालांकि बालकनाथ ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट कर इससे इनकार किया है. वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, अर्जुन मेघवाल, अश्विनी वैष्णव भी सीएम बनने की रेस में हैं.