नई दिल्ली : दिल्ली-हरियाणा सीमा पर युवक लखबीर सिंह की लाश बरामद के मामले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि किसी भी घटना में कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेने के लिए पहुंच जाती है, लेकिन इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है. यह उनके दोहरे मापदंड का परिचय दे रहा है.
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गुरु प्रकाश पासवान ने एक वीडियो जारी कर कहा कि सिंघु बॉर्डर पर एक दलित समाज के युवक लखबीर की निर्मम तरीके से हत्या की गई है. यह लिंचिंग के तहत हुई हत्या है. यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि जिनकी हत्या हुई है, उनके परिवार पर क्या गुजर रहा होगा. लेकिन इस मामले में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी जैसे राजनीतिक पर्यटकों की चुप्पी से उनकी मंशा जाहिर हुई है.
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उन्होंने यह भी कहा कि सिंघु बॉर्डर पर तथाकथित किसान आंदोलन जारी है. उसको हम लोग आंदोलन नहीं मानते हैं. यह जानबूझकर खड़ा किया गया है एक गतिरोध है. तथाकथित आंदोलन में अब भेड़िये घुस गए हैं, जो मनुष्य में फर्क नहीं कर पा रहे हैं. इस तरह की घटनाएं होती रहेंगी, तो किसान भी बदनाम होंगे.
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बता दें ,पंजाब के तरन तारन जिले के मजदूर लखबीर सिंह का शव शुक्रवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर एक अवरोधक से बंधा हुआ पाया गया था जहां नये कृषि कानूनों का विरोध कर रहे लोग डेरा डाले हुए हैं. सिंह का एक हाथ कटा हुआ मिला और शरीर पर धारदार हथियारों के कई घाव मिले.
इस वारदात के कुछ घंटों बाद निहंग सिख की तरह नीले कपड़े पहना एक व्यक्ति मीडिया के समक्ष पेश हुआ और दावा किया कि उसने सिखों के एक पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के लिए पीड़ित को सजा दी. इस हत्या की जिम्मेदारी निहंग समूह निर्वेर खालसा-उड़ना दल ने ली है. इस मामले में चार निहंगों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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घटना के बाद से किसान आंदोलन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, किसान संगठनों ने इस हत्या को आंदोलन को बदनाम करने की साजिश बताया है.
दूसरी तरफ, लखबीर सिंह के अंतिम संस्कार पर भी विवाद खड़ा हो गया है. भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ट्वीट को रिट्वीट कर आरोप लगाया कि लखबीर सिंह का अंतिम संस्कार आनन-फानन में टॉर्च की रोशनी में कर दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि लखबीर सिंह के परिवार को उनके बेटे का अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिया गया. कांग्रेस शासित पंजाब में मरे हुए की कोई इज्जत नहीं है, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह दलित था.