नई दिल्ली/हैदराबाद : विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी ने एक बड़ा फैसला लिया. पार्टी ने विधायक राजा सिंह के निलंबन को रद्द कर दिया. वह पार्टी के पुराने वफादार रहे हैं. राजा सिंह बार-बार ऐसे बयान देते रहे हैं, जिसक वजह से उन्हें कानूनी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कुछ महीनों पहले उनके एक बयान से नाराज होकर पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था.
निलंबन वापस लिए जाने की घोषणा के बाद राजा सिंह ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभारी हैं. राजा ने कहा कि हमारे निलंबन को वापस लेने के पीछे बीएल संतोष, जी किशन रेड्डी, संजय बंड्डी और के लक्षमण का बड़ा हाथ है, जिन्होंने हम पर विश्वास जताया.
राजा सिंह ने कहा कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया था, और अब जबकि पार्टी ने हमारा निलंबन वापस ले लिया और साथ ही पार्टी ने हमें विधानसभा का टिकट भी दिया है, हम पार्टी के लिए अभी से काम करना शुरू कर चुके हैं, मैं पार्टी के सभी नेताओं की शुभकामनाओं के साथ आगे बढ़ूंगा.
क्या था उनका बयान, जिनकी वजह से पार्टी ने निलंबित कर दिया था- अगस्त महीने में टी. राजा सिंह ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर कुछ विवादास्पद टिप्पणी कर दी थी. इसके बाद पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. राजा ने इस नोटिस का जवाब दिया था. हालांकि, पार्टी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं थी, और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था.
निलंबित होने के बाद भी राजा भाजपा के प्रति वफादार बने रहे. उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया. बल्कि यह भी कहा कि या तो वह भाजपा में रहेंगे, या फिर राजनीति नहीं करेंगे. राजा ने कहा था कि वह न तो कांग्रेस और न ही बीआरएस से कभी चुनाव लड़ेंगे.
यहां आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में बीआरएस को 88 सीटें मिली थीं. बीआरएस को 47.4 प्रतिशत मत मिला था. दूसरे नंबर पर कांग्रेस थी. पार्टी को 28.7 फीसदी मत मिला था. हालांकि, कांग्रेस मात्र 19 सीटें जीत पाई थीं. तेलंगाना में 30 नवंबर को चुनाव होगा और तीन दिसंबर को मतों की गणना होगी.
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