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BJP On Mani Shankar Aiyar : 'भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता', मणिशंकर अय्यर के इस बयान पर भड़की भाजपा

विवादों में रहने वाले कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर फिर से सुर्खियों में हैं. एक बार फिर से उन्होंने अपने उस बयान को दोहराया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पीवी नरसिम्हा राव भाजपा के पहले प्रधानमंत्री थे. इतना ही नहीं, अय्यर ने कहा कि भारत कभी भी विश्वगुरु नहीं बन सकता है. उनके इस बयान पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

Sambit Patra, Mani Shankar Aiyar
संबित पात्रा, मणि शंकर अय्यर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 24, 2023, 5:43 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान से फिर से विवाद हो गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं, बल्कि पीवी नरसिम्हा राव हैं. उन्होंने अपने इस बयान के जरिए भाजपा पर निशाना साधा. अय्यर ने कहा कि राव ने जिसकी शुरुआत की, उसके बाद से देखिए कैसे-कैसे लोग पीएम बन गए और आज क्या हो रहा है, आप देख रहे हैं. उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर था.

अय्यर ने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात कही. उनके बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने इसे कांग्रेस का असली चेहरा बताया है. पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अय्यर उन नेताओं में शामिल हैं, जो गांधी परिवार की आंखों के तारे हैं. उन्होंने कहा कि अय्यर ने यह काम पहली बार किया है, ऐसा नहीं है. पात्रा ने कहा कि अय्यर पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 'नीच' और न जाने ऐसे ही कितने अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते रहे हैं.

पात्रा ने कहा कि हद तो ये है कि अब ये भारत पर भी टिप्पणी करने लगे हैं और इनके अनुसार भारत विश्वगुरु नहीं बन सकता है. उन्होंने कहा कि ये वही मणिशंकर अय्यर हैं, जिन्होंने 2019 से पहले राम मंदिर का विषय जब कोर्ट में चल रहा था, तब कहा था कि अयोध्या के महल में 10 हजार कमरे थे, क्या भाजपा या हिंदू ये साबित कर सकते हैं कि किस कमरे में भगवान राम का जन्म ​हुआ था. इस प्रकार के घृणित शब्दों का प्रयोग करने वाले व्यक्ति ने आज फिर से हिंदुओं पर कुठाराघात किया है.

दरअसल, मीडिया से बात करते हुए एक दिन पहले यानी बुधवार को अय्यर ने नरसिम्हा राव से जुड़े एक प्रकरण को याद किया, जिसमें उन्होंने बताया कि राव ने एक बार हज मंजिल के मुंबई में होने को लेकर सवाल पूछा था. उनके अनुसार राव ने यह भी पूछा था कि इस तरह का कोई अन्य निर्माण हिंदुओं के लिए क्यों नहीं है. दूसरे प्रकरण का उदाहरण देकर अय्यर ने कहा कि राव ने कांग्रेस की सद्भावना यात्रा में भागीदारी नहीं की थी. उन्होंने बीमारी का बहाना बना लिया था. तीसरे प्रकरण का उल्लेख करते हुए अय्यर ने कहा कि राव को राम-रहीम यात्रा से भी परेशानी थी, क्योंकि उसमें मैं भी भागीदारी कर रहा था. अय्यर के अनुसार उन्होंने सीधे तौर पर सवाल पूछ लिया था कि उन्हें मेरे (अय्यर) सेक्युलरिज्म) से दिक्कत है. अय्यर ने कहा कि उसी समय हमें अंदाजा लग गया था कि यह तो भाजपा की लाइन ले रहे हैं.

मणिशंकर अय्यर ने आगे कहा कि इसके बाद बाबरी प्रकरण के दौरान भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उस दौरान ये पूजा कर रहे थे. अयोध्या को लेकर अय्यर ने कहा कि यह फैसला किसी और का था, लेकिन सरकार का फैसला तो प्रधानमंत्री का फैसला होता है और उस नाते मैं मानता हूं कि यह राजीव गांधी की बहुत बड़ी भूल थी. अय्यर ने कहा कि पाकिस्तान से बातचीत करनी होगी, इसके अलावा और कोई विकल्प नहीं है.

अय्यर अपनी आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक - द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स को लेकर चर्चा कर रहे थे. उस दौरान उन्होंने ये सारी बातें कहीं. इस किताब में उन्होंने राजीव गांधी से नजदीकी संबंधों का भी उल्लेख किया है. अय्यर जिस दौरान यह सब बोल रहे थे, उस समय सोनिया गांधी मौजूद थीं.

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