नई दिल्ली :भाजपा ने केरल सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा ने कहा कि राज्य सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने में असफल साबित हुई है.
राज्य में भ्रष्टाचार, विकास कार्यों की धीमी प्रगति समेत कई मुद्दों पर बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल ने केरल सरकार पर सवाल उठाए हैं.
उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कोच्चि गैस पाइपलाइन का उद्घाटन किया. यह वही पाइपलाइन है जिसकी एलडीएफ ने 2009, फिर 2011 और 2016 में घोषणा की थी, लेकिन इसमें प्रगति के लिए कुछ भी नहीं किया.
उन्होंने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया तब तक इस गैस पाइपलाइन का काम शुरू नहीं हो पाया. नतीजा इस गैस पाइपलाइन को लगाने की कीमत 2915 करोड़ से बढ़कर 5750 करोड़ हो गई है.
भाजपा ने सवाल उठाया कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है इस बात का जवाब एलडीएफ को देना चाहिए. भाजपा प्रवक्ता ने एलडीएफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2016 में कई ऐसे प्रोजेक्ट की घोषणा की गई, लेकिन अभी तक इनमें कोई प्रगति नहीं हुई.
'कन्नूर में नहीं बन पाया हवाई अड्डा'
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोच्चि मेट्रो प्रोजेक्ट को लगाने के लिए 3 साल तक राज्य सरकार से अनुमति का इंतजार किया और यही वजह है कि कन्नूर में अभी तक हवाई अड्डा नहीं बन पाया.
गोपाल अग्रवाल ने कहा कि अपने आखिरी घोषणापत्र में बड़े स्तर पर सोलर पावर लगाने की बात कही थी लेकिन यह बात सभी को पता है कि राज्य के बिजली विभाग में कितना ज्यादा भ्रष्टाचार है. डिस्कॉम को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
औद्योगिक विकास में असफल राज्य सरकार
भाजपा ने केरल सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य के औद्योगिक विकास में कोई भी काम नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि केरल में ज्यादातर लोग शिक्षित हैं बावजूद इसके वहां पर उद्योग नहीं आ पाए हैं. 2016 में एलडीएफ ने वादा किया था की घरेलू और परंपरागत उद्योगों और इंडस्ट्रीज को खासतौर पर खादी हैंडलूम, काजू मसाले से संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा.
पढ़ें- न्यायमूर्ति एन.वी. रमन्ना हो सकते हैं भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश
उन्होंने कहा कि राज्य के उद्योग मंत्री ने 2019 में खुद माना कि परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने में असफल रहे. यही नहीं 2020 में केरल में 64 पीएसयू को 2216 करोड़ का घाटा हुआ जो राज्य सरकार के आय के स्रोत के लिए बड़ा झटका है.