मिदनापुर : बंगाल में भगवा पार्टी के पोलिंग एजेंट को पहले पीटा गया और फिर कथित तौर पर कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने उसे जबरन पेशाब पिलाया. हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिमी मिदनापुर के गोलतोरे की घटना में भगवा खेमे की शिकायत को खारिज कर दिया. तृणमूल के जिला अध्यक्ष ने घटना को गांव का विवाद बताया. हालांकि, घटना के सिलसिले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है.
गोवाल्टर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले मैता इलाके में एक बीजेपी कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में पोलिंग एजेंट था. पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा है कि 'पिछले गुरुवार दोपहर को कुछ तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मुझे बातचीत के लिए बुलाया. पहले तो मैं जाना नहीं चाहता था. फिर उन्होंने मुझसे थोड़ी देर के लिए बाहर आने को कहा. जैसे ही मैं बाहर आया, दो तृणमूल कार्यकर्ताओं ने मुझे पकड़ लिया. फिर उन्होंने पूछा कि मैं बीजेपी का पोलिंग एजेंट क्यों बना. मैं इस पार्टी का समर्थक क्यों हूं?'
उसने अपनी शिकायत में कहा कि 'फिर उन्होंने मुझे पीटना शुरू कर दिया और मैं गिर गया. फिर मुझसे पूछा कि क्या मुझे पानी पीना है. मैंने हां कहा. इस पर वह सड़क का गंदा पानी ले आए, साथ ही एक गिलास पेशाब भी लाए और जबरदस्ती मुझे पिलाने की कोशिश की. मैंने विरोध किया तो उन्होंने मुझे फिर से पीटा और मेरे चेहरे पर एक गिलास पेशाब फेंक दिया.'
टीएमसी ने खारिज किए आरोप : हालांकि, सत्ताधारी पार्टी तृणमूल ने बीजेपी कार्यकर्ता को पेशाब पिलाने के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. जिला अध्यक्ष सुजॉय हाजरा ने कहा कि 'जिस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं उसकी सत्यता पर सवाल है. अगर ऐसी कोई घटना हुई है तो मैं पीड़ित बीजेपी कार्यकर्ता से थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए कहूंगा. अगर ऐसी घटना हुई है तो मैं इस पर गौर करूंगा. यह गांव का विवाद भी हो सकता है.'
इसके बाद जब उनसे पूछा गया कि चाहे गांव का विवाद ही क्यों न हो, किसी को पेशाब पिलाई गई है तो क्या करना चाहिए?. इसके जवाब में उन्होंने कहा 'मध्य प्रदेश में एक बीजेपी नेता को दलित समुदाय पर पेशाब करते देखा गया. क्या यहां ऐसा कोई वीडियो है? यदि नहीं, तो मैं मौखिक बातों पर विश्वास कैसे कर सकता हूं? बहुत से लोग वही कहते हैं जो उन्हें पसंद होता है.'