द्वारका (गुजरात) :भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अध्यक्ष जे पी नड्डा (J P Nadda) ने बुधवार को कहा कि देश में उनकी पार्टी ही एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी बची है और यह ऊपर से नीचे तक विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध है, जबकि कांग्रेस 'एक भाई और बहन की पार्टी' में सिमट गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि देश में 'राजनीति की संस्कृति' में बदलाव के बीच कांग्रेस नेताओं को पता नहीं है कि क्या करना है क्योंकि वे देश के नाम पर एक परिवार की सेवा करने, वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने और खुद की तिजोरी भरने के लिए पार्टी में रहे हैं.
नड्डा द्वारका से पोरबंदर जाने वाली भाजपा की दूसरी 'गुजरात गौरव यात्रा' के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे. इससे पहले दिन में, उन्होंने बहुचराजी शहर में ऐसी पहली यात्रा को हरी झंडी दिखाई जो कच्छ के मांडवी में समाप्त होगी. इस साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा दो दिन में पांच ऐसी यात्राएं शुरू करेगी, जो गुजरात के विभिन्न हिस्सों से गुजरेंगी. उन्होंने कहा, 'एक समय था जब राजनीति का मतलब कमीशन होता था. एक समय था जब राजनीति का मतलब भ्रष्टाचार, कुर्सियों से चिपके रहना ... लोगों को धोखा देना और खुद आनंद लेना था. (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी जी ने इस संस्कृति को बदल दिया और कमीशन के बजाय एक मिशन के रूप में देश की सेवा से जुड़े.'
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आज भारत की राजनीति की संस्कृति बदल गई है. उन्होंने राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाद्रा पर निशाना साधते हुए कहा, 'कोई अन्य राष्ट्रीय दल नहीं बचा है. मैं यह पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि कांग्रेस सिकुड़ गई है, और यह न तो राष्ट्रीय पार्टी है, न ही भारतीय पार्टी है, बल्कि भाई-बहन की पार्टी है.' उन्होंने कहा कि कई प्रमुख क्षेत्रीय दल कुछ परिवारों द्वारा चलाए जाते रहे हैं, और यह अकेले भाजपा है जो एक विचारधारा आधारित राष्ट्रीय पार्टी है.
नड्डा ने कहा कि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कॉन्फ्रेंस, शिरोमणि अकाली दल (शिअद), समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसी), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और अन्य वंशवाद की राजनीति करने वाले दल हैं. उन्होंने कहा, 'शिवसेना विभाजन के बाद बच गई, अन्यथा यह एक परिवार द्वारा संचालित पार्टी बनी रहती। अब, जब (एकनाथ) शिंदे साहब आए, तो उन्होंने विचारधारा की बात की ... यह अकेले भाजपा है जो ऊपर से नीचे तक विचारधारा के लिए प्रतिबद्ध एक विचारधारा आधारित राष्ट्रीय पार्टी है.'