पोकरण/जयपुर. राजस्थान में चुनाव से पहले का घमासान परवान पर है. इस बीच अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप वाले अभियान के सामने भाजपा ने 'नहीं सहेगा राजस्थान' वाली मुहिम का आगाज किया है. आचार संहिता से पहले इस मुहिम में लगे एक पोस्टर पर प्रदेश भाजपा अब विवादों में घिर चुकी है. इस पोस्टर में किसान की फोटो को लेकर अब सवाल खड़े हो रहे हैं और फोटो वाले किसान ने भाजपा पर मानहानि का केस करने का दावा किया है.
किसान की जमीन नीलामी का झूठा दावा :राजस्थान की भाजपा की ओर से 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान के तहत प्रदेश भर में अलग-अलग मुद्दों पर पोस्टर लगाए गए हैं. बीते दिनों किसान की जमीन नीलामी के मामले में लगे एक ऐसे ही पोस्टर में दावा किया गया था कि राजस्थान के 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन कर्ज के चलते नीलम की गई है, इस पोस्टर में जैसलमेर जिले के पोकरण के एक किसान की फोटो का इस्तेमाल किया गया. अब इस किसान ने यह दावा किया है कि उसकी जानकारी के बिना तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और वह आज भी 200 बीघा जमीन का मालिक है. किसान का परिवार राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मानहानि का केस दायर करने की बात कर रहा है. जिले के रामदेवरा की रिखियों की ढाणी निवासी सत्तर साल के किसान माधुराम जयपाल ने इस बात को स्वीकार किया है कि भाजपा के बैनर पर लगा फोटो उसी का है, जिसकी जानकारी गांव के एक युवक ने उसे दी थी. किसान माधुराम के बेटे जुगताराम ने ईटीवी भारत को बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने उनके पिता की फोटो को छाप कर परिवार को बदनाम किया है, ऐसे में वह अब कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.
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स्थानीय भाजपा ने झाड़ा अपना पल्ला :राजस्थान भाजपा के प्रचार अभियान में किसान की जमीन नीलामी के मामले में विवाद खड़ा होने के बाद पार्टी के जिला अध्यक्ष ने पोस्टर से अभिज्ञता जाहिर की है. पार्टी के जिला अध्यक्ष चंद्रप्रकाश शारदा के मुताबिक प्रदेश स्तर पर इन पोस्टर को तैयार किया गया था, ऐसे में उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है.