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BJP सांसद ने किया जातिगत जनगणना का समर्थन, पशोपेश में सरकार - sanghmitra maurya

लोकसभा में जब ओबीसी आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हो रही थी, तब बीजेपी की ओर से संघमित्रा मौर्य ने अपनी बात रखी. इसी दौरान उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जातिगत जनगणना का विरोध किया, लेकिन अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों को इसका अधिकार दे दिया है.

बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने जातिगत जनगणना को लेकर आवाज उठाई
बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने जातिगत जनगणना को लेकर आवाज उठाई

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Published : Aug 11, 2021, 11:21 AM IST

नई दिल्ली: देश में जातिगत जनगणना को लेकर सियासी बवाल मचा है. विपक्षी दल लगातार इसकी मांग कर रहे हैं. वहीं, अब भारतीय जनता पार्टी की एक सांसद ने भी इसकी मांग की है.

उत्तर प्रदेश के बदायूं से बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्या ने जातिगत जनगणना को लेकर आवाज उठाई है. बता दें, अगले साल 2022 में राज्य में विधान सभा चुनाव होने हैं.

मंगलवार को लोकसभा में जब ओबीसी आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हो रही थी, तब बीजेपी की ओर से संघमित्रा मौर्य ने अपनी बात रखी. इसी दौरान उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने जातिगत जनगणना का विरोध किया, लेकिन अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों को इसका अधिकार दे दिया है.

बीजेपी सांसद संघमित्रा मौर्य के इस बयान से खुद भाजपा के कई लोग भी हैरानी में पड़ते दिखे. संघमित्रा मौर्य ने सदन में कहा कि कांग्रेस की जो सरकारें ना कर सकीं, उसे मोदी सरकार ने कर दिखाया है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में मवेशियों की गिनती होती थी, लेकिन पिछड़ी जाति के लोगों की सही गिनती नहीं होती थी.

बीजेपी सांसद ने कहा कि 1931 में जब जातिगत जनगणना हुई थी, तब देश में 52 फीसदी ओबीसी थे. लेकिन अब किसी को कोई नंबर की जानकारी ही नहीं है, ऐसे में अगर जातिगत जनगणना होती है तो ओबीसी समुदाय को सरकारों की योजनाओं का लाभ मिलेगा.

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आपको बता दें कि संघमित्रा मौर्य उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं और बदायूं से सांसद हैं. लोकसभा में मंगलवार को ओबीसी आरक्षण बिल के मसले पर बोलने वालीं वो भाजपा की पहली सांसद थीं.

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