प्रयागराज:भारतीय जनता पार्टी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने अपने पिता की जीवन पर एक किताब लिखी है. जिसका विमोचन आगामी 4 मई को राजधानी दिल्ली में उपराष्ट्रपति करेंगे. लेकिन इस किताब के विमोचन से पहले ही उसमें लिखे कुछ अंशों को लेकर विवाद शुरू हो गया है. वहीं, कहा जा रहा है कि किताब के विमोचन के बाद प्रयागराज के इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र से सांसद रीता बहुगुणा जोशी और शहर उत्तरी के विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के परिवार के बीच तल्खियां बढ़ सकती हैं, क्योंकि भाजपा सांसद ने अपनी पुस्तक में विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी की दादी पर कान भरने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही यही आरोप पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, बंशीलाल और सिद्धार्थ शंकर राय जैसे नेताओं पर भी लगाए हैं. वहीं, भाजपा सांसद ने इस पुस्तक का नाम 'हेमवती नंदन बहुगुणा: भारतीय जनचेतना के संवाहक' रखा है.
दरअसल, भाजपा सांसद ने अपने पिता व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा के जीवन पर एक किताब लिखी है. जिसमें उन्होंने अपने पिता के संघर्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बिगड़े रिश्ते का जिक्र किया है. इस किताब में उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी कई आरोप लगाए गए हैं. पुस्तक में भाजपा सांसद ने इंदिरा गांधी पर किसी दूसरे नेता को आगे न बढ़ने देने का आरोप लगाने के साथ ही अपने बेटों को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा गया है कि हेमवती नंदन बहुगुणा के बढ़ते कद से इंदिरा गांधी खासा भयभीत थीं.
इतना ही नहीं उन्होंने पुस्तक में इस बात का भी जिक्र किया है कि राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी और पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के अलावा कुछ अन्य ऐसे नेता थे, जो अक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को बताते थे कि बहुगुणा अब देश का पीएम बनने की सोच के साथ काम कर रहे हैं. उनकी नज़र अब देश के पीएम की कुर्सी पर है. इसी तरह से कान भरे जाने के कारण इंदिरा गांधी और हेमवती नंदन बहुगुणा के बीच दूरियां बढ़ने लगी थी, जो इमरजेंसी लागू होने के बाद और भी ज्यादा बढ़ गई थी, क्योंकि बहुगुणा ने इमरजेंसी के फैसले को गलत बताते हुए आवाज़ उठाई थी.
पुस्तक में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रही राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी, हेमवती नंदन बहुगुणा के खिलाफ इंदिरा गांधी के कान भरा करती थी. कान भरने वालों में राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह के साथ ही कुछ और नामों का भी पुस्तक में जिक्र किया गया है. वहीं, इस मामले की जानकारी मिलने के बाद राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी के परिवार ने आरोपों को निराधार और बकवास करार दिया है. साथ ही किताब सामने आने के बाद वो अपना जवाब देने की बात कह रहे हैं.
जिक्र-ए-84 में अभिनेता अमिताभ...: यही नहीं भाजपा सांसद की इस किताब में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का भी जिक्र किया गया है. हालांकि, उनके ऊपर किसी तरह के सीधे आरोप तो नहीं लगाए गए हैं, लेकिन इतना जरूर कहा गया है कि अमिताभ बच्चन को राजीव गांधी ने चुनाव लड़वाया था. अपनी दोस्ती का हवाला देकर उन्हें इलाहाबाद से सांसद का चुनाव लड़वाया गया, क्योंकि गांधी परिवार को पता था कि हेमवती नंदन बहुगुणा को कोई दूसरा नेता हरा ही नहीं सकता है. इसी वजह से उनके सामने अमिताभ बच्चन जैसे फिल्मी सितारे को चुनावी मैदान में उतारा गया. उत्तर भारत में पहली बार किसी फिल्मी सितारे ने चुनाव लड़ा था और जिसने हेमवती नंदन बहुगुणा को चुनाव में शिकस्त दी थी.
कभी सियासत में फिल्मी सितारों को नहीं उतरना चाहिए:पुस्तक के बारे में बातचीत करते हुए भाजपा सांसद ने यह भी कहा कि उनके हिसाब से राजनीति में किसी फिल्मी कलाकार को टिकट देकर चुनाव नहीं लड़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजनीति में अच्छे और बड़े नेताओं का चुनाव हारना भी ठीक नहीं होता है. फिल्मी हस्तियां पर्दे से सीधे जनता के बीच आकर चुनाव लड़कर जीत भी जाते हैं. लेकिन इनकी जीत में हार वो नेता जाता है, जो वास्तव में जनता और क्षेत्र के विकास के लिए जरूरी होते हैं. अमिताभ बच्चन से पिता के चुनाव हारने का दर्द आज भी उनके मन में है. यही वजह है कि वो चाहती हैं कि राजीनति में फिल्मी सितारों को चुनावी मैदान में नहीं उतारना चाहिए.