नई दिल्ली :संसद में गतिरोध समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है. सूत्रों की माने तो सरकार शुक्रवार को फाइनेंस बिल संसद में ला सकती है. लेकिन मुद्दा अभी तक राहुल गांधी के द्वारा विदेश में दिए गए बयान को लेकर माफी मांगने का था, वहीं सूरत कोर्ट के द्वारा राहुल गांधी को मोदी सरनेम वाले मामले में दोषी ठहराने के बाद दो साल की सजा सुनाई. सजा के बाद कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत देने के बाद विपक्षी पार्टियों का हंगामा और तेज हो गया है. वहीं सत्ता पक्ष की पार्टियों को भी राहुल गांधी को लेकर एक और मुद्दा मिल गया है.
इस बारे में भाजपा सांसद डॉ. अनिल अग्रवाल (bjp Mp Dr Anil Agrawal) ने कहा कि विपक्षी जेपीसी की मांग कर रहे हैं, वो भी ऐसी कंपनी की रिपोर्ट पर जिसका काम है किसी के खिलाफ रिपोर्ट लाना और उसके शेयर डाउन करवाना. उन्होंने कहा कि अब तो मुद्दा महत्वपूर्ण हो चुका है कि राहुल गांधी ने मोदी सरनेम को लेकर जो टिप्पणी की थी उस पर उनको सजा हुई और उन्हें जमानत तक लेनी पड़ी. इतना ही नहीं उनकी टिप्पणी को कोर्ट ने दोषी ठहराया है.
भाजपा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि राहुल गांधी अपनी वाणी पर नियंत्रण खो चुके हैं और इसका भुगतान उनकी पार्टी को करना पड़ रहा है. कांग्रेस नेताओं के द्वारा इसी तरह ही टिप्पणी भाजपा नेताओं के द्वारा किए जाने और उस पर कोई कार्रवाई नहीं किए जाने पर भाजपा सांसद ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि ऐसी टिप्पणी की है, इससे पहले भी राहुल गांधी इस तरह की टिप्पणी करते रहे हैं.
भाजपा सांसद अनिल अग्रवाल ने कहा कि इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ टिप्पणी की थी लेकिन केजरीवाल ने माफी मांग ली थी, जबकि राहुल गांधी ने माफी मांगने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को यह हजम नहीं हो रहा है कि एक साधारण परिवार का व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर पहुंच गया, जिसे वो अपनी परिवार की जागीर समझते थे. इस वजह से वो अपनी वाणी पर कंट्रोल नही कर पा रहे हैं और अपनी टिप्पणी से अपनी पार्टी को भी मुश्किल में डाल रहे है. इस सवाल पर की सरकार क्या 2018 की तरह बगैर विपक्षी पार्टियों के साथ चर्चा के फाइनेंस बिल पास करवाने जा रही है इसपर बीजेपी सांसद ने कहा कि जब संवैधानिक संकट खड़े होंगे तो सरकार को कोई हल तो निकालना ही पड़ेगा.