नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के 2014 से चले आ रहे तमाम मुद्दे पूरे हो चुके हैं. अब पार्टी की नज़र 2023 में कई राज्यों के चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव पर है. ऐसे में समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पार्टी का फोकस बढ़ा है. हालांकि बीजेपी सांसद हरनाथ सिंह (BJP MP Harnath Singh) का कहना है कि 'समान नागरिक संहिता जनसंघ के समय से हमारा मुद्दा रहा है. ये हमारा कोई चुनावी एजेंडा नहीं. धर्म, लिंग संप्रदाय और भाषा के आधार पर किसी भी संप्रदाय की महिलाओं से भेद-भाव नहीं किया जाना चाहिए, ये हमारा मुद्दा पहले से ही रहा है, लेकिन कुछ लोगों ने इसे धर्म से जोड़ दिया है.'
हरनाथ सिंह ने कहा कि 'ये भी कहना होगा कि इसका जनसंख्या नियंत्रण कानून से भी कोई लेना देना नही है. हम चाहते हैं की बहू-बेटियों को सम्मान से जीने का अधिकार जैसे हिंदू धर्म में है, वैसे ही सभी धर्मों के लोगों की महिलाओं को ये फायदा मिले. इसमें गुजारा भत्ता, पालन पोषण और नि:संतान दंपति को बच्चे एडॉप्ट करने जैसे अधिकार की बात की गई है, इसमें गलत क्या है?'
हरनाथ सिंह ने कहा कि कुछ पार्टियां और मौलाना कुतर्क कर रहे हैं. वे अपने संप्रदाय की महिलाओं को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते है. उन्होंने कहा कि 'भाजपा संविधान के अनुरूप समान अधिकार सभी महिलाओं को देना चाहती है, मगर शुक्रवार को जिस तरह कई पार्टियों ने विरोध किया वह आश्चर्यजनक और हास्यास्पद है, वे मौलानाओं जैसी बात कर रहे थे.'
हरनाथ सिंह का कहना था कि बीजेपी वोट बैंक की राजनीति नही कर रही. उनका कहना है कि 'हम सभी धर्मों की महिलाओं को सशक्त करने की बात कर रहे, यदि कोई नि:संतान व्यक्ति बच्चे को गोद लेने की बात करता है या महिला गुजारा भत्ता की मांग करती है, तो इसमें धर्म कहां से आता है. जो विरोध करते हैं वो महिलाओं को गुलाम बनाने की सोच रखते हैं.'