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सबको पक्का घर : क्या केंद्र की योजना में पलीता लगा रही उद्धव सरकार, संसद में उठे सवाल - navneet rana amravati mp

भाजपा सांसद गोपाल सी शेट्टी ने कहा कि 2022 तक सबको पक्का घर देने का वादा पूरा नहीं होता दिख रहा है. इसमें उदासीनता देखी जा रही है. अमरावती से निर्वाचित निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने भी पीएम आवास योजना के कार्यान्वयन को लेकर सवाल खड़े किए हैं.

allegation on uddhav govt
उद्धव सरकार आरोप

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Published : Dec 1, 2021, 1:10 PM IST

Updated : Dec 1, 2021, 5:13 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की योजना के तहत 2022 तक सबको पक्का घर देने का वादा किया गया है. मोदी सरकार के इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के संबंध में मुंबई में उदासीनता देखी जा रही है. यह आरोप है भाजपा सांसद गोपाल सी शेट्टी का. शेट्टी ने उद्धव ठाकरे सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है कि वे सबको पक्का घर मुहैया कराने की योजना पर काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील की है.

लोक सभा में भाजपा सांसद गोपाल सी शेट्टी का बयान

अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने भी पीएम आवास योजना को लेकर कहा कि केंद्र से आने वाली राशि लगातार लाभार्थियों तक पहुंच रही है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से पैसे नहीं मिल रहे.

नवनीत राणा ने दावा किया कि लोग तीन साल से किराए के मकान में रह रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से पैसे नहीं मिल रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में भी स्थायी निवास का प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पीएम आवास योजना में जिन अधिकारियों को बैठाया गया है, वे इस काम में रुचि नहीं ले रहे हैं.

लोक सभा में सांसद नवनीत राणा का बयान

अमरावती क्षेत्र में लाभार्थियों को हो रही परेशानी के बारे में नवनीत राणा ने कहा कि एक समिति बनाकर पीएम आवास योजना में हो रही देर की जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पीएम आवास योजना लागू है, अगर उस क्षेत्र में योजना पूरी होने में देर हो रही है तो दोषियों को चिह्नित किया जाना चाहिए.

बता दें कि भारत सरकार ने वर्ष 2022 तक 'सभी को आवास' प्रदान करने के उद्देश्य को हासिल करने के लिए संशोधित ग्रामीण आवास योजना शुरू की. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) 20 नवंबर, 2016 को शुरू की गई, जो पहली अप्रैल 2016 से प्रभावी है. इस योजना के तहत वर्ष 2022 तक सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ पीएमएवाई-जी घरों को पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है.

पढ़ें :-पीएम मोदी ने त्रिपुरा के 1.47 लाख से अधिक लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त ट्रांसफर की

इस कार्यक्रम को ई-गवर्नेंस समाधान आवास सॉफ्ट और आवास ऐप के माध्यम से लागू किया जा रहा है और इन्हीं ऐप के जरिए इनकी निगरानी भी की जा रही है.आवास सॉफ्ट ऐप इस योजना के कार्यान्वयन पहलुओं से संबंधित कई आंकड़ों की डेटा रखने और निगरानी के लिए बेहतर साधन के रूप में काम करता है.

इन आंकड़ों में भौतिक प्रगति (पंजीकरण, स्वीकृतियां, मकान निर्माण पूरा करना और किश्तों का जारी होना आदि), वित्तीय प्रगति, अन्य योजनाओं के साथ मिलान की स्थिति आदि शामिल हैं. 2016 में इस योजना के शुभारंभ के बाद से ही इस सॉफ्टवेयर को उपयोगकर्ता के अधिक अनुकूल बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं. सॉफ्टवेयर को अधिक सुगम बनाने और कार्यक्रम के कार्यान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इसमें नए मॉड्यूल जोड़े गए हैं. सॉफ़्टवेयर में हाल ही में जोड़े गए कुछ मॉड्यूल नीचे दिए गए हैं.

Last Updated : Dec 1, 2021, 5:13 PM IST

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