गोविंद सिंह राजपूत जमींन मामला सागर। 50 एकड़ जमीन के मामले में गोविंद सिंह राजपूत बुरी तरह घिर गए हैं. गोविंद सिंह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाने वाले पूर्व भाजपा नेता राजकुमार सिंह धनोरा ने एक वीडियो जारी कर मंत्री और मंत्री के परिवार से अपने आपको और अपने परिवार को जान का खतरा बताया है. उन्होंने कहा है कि इस मामले में 3 बार पुलिस को आवेदन देकर वह सुरक्षा की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा इस पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है. राजकुमार सिंह धनोरा ने कहा है कि अगर मेरे और मेरे परिवार के साथ कोई घटना घटती है, तो इसका जिम्मेदार मंत्री, मंत्री का परिवार और पुलिस प्रशासन होगा.
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भाजपा से निष्कासित नेता का आरोप:भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धनोरा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र सुरखी के रहने वाले हैं. शिवराज सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के रिश्तेदार हैं और भाजपा में किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष भी थे. किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष रहते हुए राजकुमार सिंह धानोरा ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर अभियान चलाया था. गोविंद सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय ना होने के कारण राजकुमार सिंह धनोरा से नाराज हो गए और उन्होंने राजकुमार सिंह धनोरा को भाजपा से निष्कासित करवा दिया.
मंत्री के खिलाफ खोला मोर्चा: भाजपा से निष्कासन के बाद राजकुमार सिंह धनोरा ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वह लगातार विधानसभा क्षेत्र सुरखी में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं. साथ ही मंत्री और मंत्री के परिवार पर जमीन हेराफेरी के गंभीर आरोप लगा चुके हैं. राजकुमार सिंह धनोरा में जहां पहले एक मंदिर की 125 एकड़ जमीन पर गोविंद सिंह राजपूत के जिला पंचायत अध्यक्ष भाई हीरा सिंह राजपूत पर कब्जे का आरोप लगाया था. हाल ही में उन्होंने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को उनके साले द्वारा दान की गई जमीन को लेकर गंभीर आरोप लगाया है. आरोपों के चलते मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की मुसीबत खड़ी गए हो गई. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में जहां उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, तो विपक्षी दल कांग्रेस ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
मंदिर की जमीन पर कब्जे का आरोप:इसके पहले राजकुमार सिंह धनोरा ने एक महंत की प्रेस वार्ता करा कर मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के जिला पंचायत सागर के अध्यक्ष भाई हीरा सह राजपूत पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन पर सागर जिले के जैसीनगर के श्री जानकी रमण मंदिर बरखेड़ा महंत के व्यवस्थापक जगदीश दास ने आरोप लगाते हुए आत्महत्या की चेतावनी दी थी. महंत का आरोप था कि, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत उनके जिला पंचायत अध्यक्ष भाई हीरा सिंह राजपूत और एसडीएम सपना त्रिपाठी से मिलीभगत कर पर मंदिर की जमीन हड़प ली है.
2 वर्षों से नामांतरण लंबित:उन्होंने चेतावनी दी थी कि, मंदिर की जमीन का 26 जनवरी 2023 तक नामांतरण नहीं हुआ, तो आत्महत्या कर लेंगे. जगदीशदास ने कहा कि कोर्ट ने मंदिर की जमीन मंदिर के महंत के नाम पर वापस कर दी, लेकिन एसडीएम कार्यालय से इसका नामांतरण लगभग 2 वर्षों से लंबित है. इस मामले में मंत्री के भाई को सफाई भी देनी पड़ी थी और प्रशासन ने भी इस प्रक्रिया को उचित बताकर मंत्री के भाई को क्लीन चिट दे दी थी.
50 एकड़ जमीन का मामला:भाजपा से निष्कासित नेता राजकुमार सिंह धानोरा ने राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत पर आरोप लगाया था कि उनके सालों ने उनके लिए करीब 50 एकड़ जमीन दान की है, जिस की कीमत करोड़ों में बताई जा रही है. जमीन का दान इसलिए चर्चाओं में है कि मंत्री के जिन सालों ने जमीन दान की है,उनके पास 50 एकड़ जमीन ही है. सागर से करीब 12 किमी दूर स्थित भापेल गांव में कल्पना सिंघई की जमीन गिरहनी गांव के हिमाचल सिंह राजपूत और उनके भाई करतार सिंह राजपूत ने 2021 में अलग-अलग हेक्टेयर में करीब 50 एकड़ जमीन खरीदी थी. लेकिन 2022 में जमीन का दानपत्र अपने जीजा मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बहन सविता सिंह राजपूत और भांजे आदित्य सिंह और आकाश सिंंह राजपूत के नाम लिख दिया. राजकुमार सिंह धनोरा ने आरोप लगाया है कि मंत्री की काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए दान पत्र का खेल खेला गया है. उन्होंने कहा है कि जिस व्यक्ति के पास खुद सिर्फ 50 एकड़ जमीन हैं वह 50 एकड़ जमीन खरीद कर कैसे दान कर सकता है.मंत्री ने दी सफाई:गंभीर आरोपों में घिरे राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के लिए ये मामला गले की हड्डी बन गया. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उन्हें विपक्ष ने जमकर घेरा और दान के इस खेल के चलते उनकी सत्र के दौरान काफी किरकिरी हुई. हालांकि इस मामले में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति ब्लड रिलेशन में होता है और वह अपनी जमीन जायदाद दान करना चाहता है, तो वह दान पत्र लिखकर कर सकता है. ये प्रक्रिया बाकायदा रजिस्टर्ड होती है और कोर्ट के जरिए होती है. उनका कहना है कि उनकी ससुराल में 600 से 800 एकड़ जमीन हुआ करती थी, आज भी करीब 500 एकड़ जमीन है.
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राजकुमार सिंह ने बताया जान का खतरा:खुलासे के बाद राजकुमार सिंह धनोरा ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि मेरे द्वारा राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की काली कमाई जो प्रॉपर्टी में भ्रष्टाचार करके एकत्रित की गई है और अपने सालों के नाम पर रजिस्ट्री करा कर दान पत्र कराया गया है, उसका खुलासा किया गया था. इस कारण गोविंद राजपूत और उनका परिवार और रिश्तेदार मेरे से द्वेष रख रहे हैं. मेरे और मेरे परिवार की हत्या कराने की साजिश रच रहे हैं. इस मामले में मैंने पुलिस अधीक्षक सागर, डीआईजी सागर और डीजीपी को 30 अक्टूबर को आवेदन के जरिए अवगत कराया था. फिर 8 दिसंबर को एक पत्र के माध्यम से दोबारा अवगत कराया और अब कल फिर मैंने पत्र के माध्यम से अवगत कराया है. अब तक में तीन बार पत्र लिख चुका हूं. जिसका प्रशासन द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया है. अगर मेरे और मेरे परिवार के साथ किसी तरह की घटना घटती है. तो इसके लिए मंत्री और मंत्री के परिजन और साथ में प्रशासन जिम्मेदार होगा.