अयोध्या: कैसरगंज से भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने अपनी पांच जून को अयोध्या में प्रस्तावित जनचेतना रैली को स्थगित कर दिया है. सोशल मीडिया में एक पत्र जारी करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि "एक साजिश के तहत मेरे ऊपर लगाए गए आरोपों और उन आरोपों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के गंभीर दिशानिर्देश को ध्यान में रखते हुए मैंने रैली कार्यक्रम को स्थगित किया है. अभी तक समाज के लोगों ने जो मेरा सहयोग किया और मेरा साथ दिया, उसके लिए मेरा परिवार और मैं आजीवन उनका ऋणी रहूंगा." वहीं दूसरी तरफ अयोध्या जिला प्रशासन ने भी इस रैली को लेकर बृजभूषण सिंह को अनुमति नहीं दी थी.
पहल अपने मेडल गंगा में बहाने के लिए गए थे हरिद्वारः देश के कई नामी पुरुष और महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष रहते बृज भूषण शरण सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. जिनमें सबसे गंभीर आरोप महिला पहलवानों के साथ यौन शोषण का था. इस मामले को लेकर ओलंपिक से पदक जीतकर आए कई पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर काफी समय से धरना दे रहे थे. तीन दिन पहले उन्होंने हरिद्वार जाकर अपने मेडल गंगा नदी में बहाने की योजना बनाई थी. हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के मुखिया राकेश टिकैत के हस्तक्षेप करने के बाद पहलवानों ने अपने मेडल गंगा में नहीं बहाए थे.
बृजभूषण शरण सिंह की ओर से मीडिया को जारी किया गया पत्र रैली स्थगित करने की क्या रही वजहः मीडिया में आई खबरों के मुताबिक बड़ी संख्या में पहलवान हरिद्वार के बाद अपने घर वापस लौट गए. सिर्फ साक्षी मलिक दिल्ली गई हैं. इसके बाद अब कहीं न कहीं बृज भूषण शरण सिंह के तेवर भी नरम हो गए हैं. हालांकि, अयोध्या में प्रस्तावित रैली को लेकर जिला प्रशासन ने अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद अब इस जनचेतना रैली के स्थगित होने के अलग-अलग कारण सामने आ रहे हैं.
बृजभूषण ने साधु-संतों का क्यों लिया था सहाराःइस पूरे घटनाक्रम में बड़ी बात यह है कि जहां एक तरफ महिला पहलवानों को मुद्दा बनाकर विपक्ष तेजी से भाजपा नेतृत्व को घेरने की कोशिश कर रहा था. लगातार खाप पंचायतें और जाट समुदाय इस मामले पर एकजुट हो रहा था. वहीं, राजनीति के पुराने धुरंधर भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने भी तुरुप का इक्का चलते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों के बचाव में अयोध्या और देश के और प्रांतों के वरिष्ठ साधु-संतों को आगे कर दिया था. ऐसे में कहीं न कहीं यह पूरा मामला बेहद हाईप्रोफाइल हो गया है. साधु संतों के आगे आने पर पहलवानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे लोगों के तेवर भी नरम पड़ गए हैं. ऐसे में अयोध्या में जनचेतना रैली भी स्थगित कर दी गई है.
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