सतना (मध्य प्रदेश):दूसरों को नसीहत और खुद मियां फजीहत, इन अल्फाजों को कई बार हमारे माननीयों ने चरितार्थ किया है. एक बार फिर से एक माननीय विधायक जी ने बाबा रामदेव को तो नसीहत दी है और कहा है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए लेकिन दूसरी तरफ एक चिट्ठी में सूबे के मुख्यमंत्री से ऐसी मांग कर डाली कि दूसरों को नसीहत देने वाले माननीय ही सवालों में आ गए हैं.
नारायण त्रिपाठी, बीजेपी विधायक झोलाछाप डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर का दर्जा मिले- बीजेपी विधायक
मध्य प्रदेश के मैहर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी है. जिसमें उन्होंने झोलाछाप डॉक्टर्स (quacks) को देवदूत बताया है और इन्हें कोरोना वॉरियर का दर्जा देने की मांग की है. विधायक जी ने चिट्ठी में मांग की है कि इन डॉक्टर्स को स्वास्थ्य महकमे के तंत्र के साथ जोड़ना चाहिए और प्राथमिक इलाज के साथ जागरुकता फैलाने में इनका उपयोग करने की सलाह दी है.
'दर्ज होनी चाहिए बाबा रामदेव के खिलाफ FIR'
मैहर विधायक ने बाबा रामदेव (Baba Ramdev) पर के बारे में कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जब आचार्य बालकृष्ण को तकलीफ होती है, हार्ट अटैक आया था तो एम्स में जाकर इन्हीं डॉक्टरों की शरण में जाकर अपना ऑपरेशन कराने को मजबूर होना पड़ता है, इसलिए एलोपैथी का मजाक न उड़ाएं.
उन्होंने कहा कि बाबा को लोगों का सम्मान मिला है. उस सम्मान को पचा पाएं, उसको स्वीकार कर लें, इस तरह की भाषा बाबा के लिए नुकसानदायक साबित होगी. फिर मैं एलौपैथी के संबंध में एलोपैथी डॉक्टरों के साथ हूं, जो भगवान के स्वरूप में कोरोना काल में भी सेवा दे रहे हैं, मैं उनके पक्ष में उनके साथ इस बात पर खड़ा हूं कि बाबा रामदेव के खिलाफ केस रजिस्टर्ड होना चाहिए, बाबा में बड़बोलापन है.
CM शिवराज सिंह को लिखे दो पत्र
विधायक नारायण त्रिपाठी कभी मुख्यमंत्री के वर्चुवल मीटिंग को तमाशा बताते हैं, तो कभी 'दोहे' के जरिए राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करते हैं. अब फिर बीजेपी ने सीएम को दो पत्र लिखा है. पहले पत्र में वैश्विक महामारी के बीच विधायक ने झोलाछाप डॉक्टरों को देवदूत बताते हुए उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा देने की मांग की है, तो वही दूसरे पत्र में यात्री बसों के विभिन्न प्रकार के टैक्स माफ करने की बात लिखी है.
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