चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के एक-एक विधायक को अपनी कैबिनेट में शामिल किया. दो साल में किये गये दूसरे विस्तार में हिसार से भाजपा के विधायक डॉ. कमल गुप्ता और टोहाना से जजपा के विधायक देवेंद्र सिंह बबली को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.
मंगलवार को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यहां हरियाणा राजभवन में आयोजित एक समारोह में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. भाजपा विधायक डॉ. गुप्ता ने संस्कृत में शपथ ली, जबकि जेजेपी विधायक बबली ने हिंदी में शपथ ली. इस मौके पर खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित अन्य मंत्रिपरिषद के सदस्य समेत कई विधायक एवं गणमान्य अतिथि भी मौजूद थे.
जननायक जनता पार्टी (जजपा) के देवेंद्र सिंह बबली और भाजपा विधायक कमल गुप्ता (फाइल फोटो) 15 फीसद विधायक ही बन सकते हैं मंत्री
दो विधायकों के शपथ लेने के बाद, मुख्यमंत्री सहित मंत्रीपरिषद में सदस्यों की संख्या 14 हो गयी, जोकि ऊपरी सीमा भी है. यानी हरियाणा की कैबिनेट में 14 से अधिक मंत्री नहीं बनाए जा सकते. दरअसल, भारतीय संविधान के प्रावधान के मुताबिक राज्यों की सरकार में अधिकतम 15 फीसद विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है.
नियम के मुताबिक प्रदेश की विधानसभा की कुल संख्या के अनुपात में राज्यों के मंत्रिमंडल को 15 फीसद बल बनाए रखना चाहिए. विधानसभाओं को 15 फीसद की अधिकतम संख्या पार नहीं करनी चाहिए.
मंगलवार को हुए मंत्रिपरिषद विस्तार के बाद, भाजपा के मुख्यमंत्री सहित 10 मंत्री हैं और जजपा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सहित तीन मंत्री हैं, जबकि रंजीत सिंह चौटाला मंत्री के रूप में शामिल एकमात्र निर्दलीय विधायक हैं.
मंत्रियों के शपथ लेने से पहले खुद सीएम खट्टर ने बताया था कि कमल गुप्ता और जननायक जनता पार्टी (जजपा) के देवेंद्र सिंह बबली उनकी कैबिनेट में शामिल होंगे.
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डॉक्टर कमल गुप्ता (hisar MLA kamal gupta) हिसार के जाने-माने हार्ट सर्जन रहे हैं. उनका हिसार के मलिक चौक पर स्थित गुप्ता अस्पताल (gupta hospital hisar) भी है. ये अस्पताल वर्तमान में उनकी पत्नी संभालती हैं. कमल गुप्ता ने अपना पहला चुनाव 1996 में ही लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा. उसके बाद 2001 में दूसरा चुनाव भी हिसार विधायक सीट के लिए लड़े लेकिन फिर हार गए. कमल गुप्ता पुराने समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं.
साल 2001 के बाद बीजेपी में उन्होंने जिला अध्यक्ष पद का कार्यभार भी संभाला. साल 2014 के चुनाव में पहली बार उन्हें जीत हासिल हुई और कांग्रेस के उम्मीदवार व देश की जानी-मानी उद्योगपति सावित्री जिंदल को हराकर हिसार के विधायक बने.
देवेंद्र सिंह बबली (Devender Singh Babli) फतेहाबाद की टोहाना विधानसभा सीट से विधायक हैं. बबली ने 2019 के चुनाव में जननायक जनता पार्टी के टिकट पर बीजेपी के दिग्गज नेता और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके सुभाष बराला को हराया था. देवेंद्र बबली वही नेता हैं जो कभी किसान आंदोलन के मामले को लेकर खुद की पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं. ऐसे में उन को शांत करना पार्टी के लिए जरूरी था.
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बता दें कि अक्टूबर, 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को राज्य विधानसभा की 90 सीटों में से 40 सीट मिली थीं, लेकिन बहुमत नहीं मिला था. बाद में उसने जजपा के साथ चुनाव बाद गठबंधन किया, जिसके 10 विधायक हैं. भाजपा ने जजपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई थी.
(इनपुट- पीटीआई-भाषा)