ज्ञानवापी पर हाईकोर्ट के फैसले का भाजपा नेताओं ने किया स्वागत, सपा सांसद ने कहा, 'सर्वे का फैसला मानेंगे' - इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला
वाराणसी में ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला गुरुवार को आ गया. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की एकल पीठ ने कहा कि ज्ञानवापी का एएसआई सर्वे जारी रहेगा.
Etv Bharat
By
Published : Aug 3, 2023, 12:19 PM IST
|
Updated : Aug 3, 2023, 2:32 PM IST
मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली
लखनऊ : ज्ञानवापी केस में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले का भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए सभी को सहयोग करना चाहिए. सर्वे से सच सामने आएगा. वहीं एएसआई सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि 'मुगल आक्रमणकारियों ने मंदिर का जो विध्वंस किया था उसकी सच्चाई अब सामने आएगी. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सच्चाई बाहर आएगी. ज्ञानवापी का विवाद भी समाप्त हो जाएगा.'
उपमुख्यमंत्री ने समाचार एजेंसी एनआईए को दिए गए अपने बयान में कहा कि 'हाईकोर्ट का यह फैसला स्वागत योग्य है. अब लगने लगा है कि राम जन्मभूमि विवाद की तरह इस विवाद का भी अंत हो जाएगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद करते हैं कि हाईकोर्ट का यह फैसला सभी पक्षों को मंजूर होगा. निष्पक्ष जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी. वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस मामले पर कहा कि, 'हम अदालत के फैसले का पालन करेंगे...'.
मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि 'ज्ञानवापी मस्जिद सिलसिले में वाराणसी कोर्ट ने 21 जुलाई को एसआई सर्वे का आर्डर दिया था. जिसके खिलाफ मुस्लिम कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी. यह याचिका 24 जुलाई को डाली गई थी. इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर 26 जुलाई तक रोक लगा दी गई थी. इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका डाली गई. जिस पर कमेटी की तरफ से अपनी बातें रखी गईं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वहां पर किसी भी तरह की खोदाई न करने और सर्वे जारी रखने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट जाया जाए या नहीं जाया जाए, इस मामले में फैसला ज्ञानवापी मस्जिद की लीगल कमेटी करेगी. उन्होंने कहा कि 600 सालों से मस्जिद में नमाज अदा की जा रही है, हमें कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.'
गौरतलब है कि मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे रोकने को लेकर हाईकोर्ट ने याचिका दाखिल की थी, जिसे आज कोर्ट ने खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने कहा कि 'सर्वे पर लगी रोक समाप्त की जाती है. कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर एएसआई की तरफ से दिए हलफनामे को लेकर अदालत ने कहा कि हलफनामे पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है. हलफनामे में एएसआई ने कहा था कि उनके सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में किसी भी प्रकार का इंच भर भी नुकसान नहीं होगा.' हाईकोर्ट ने वाराणसी लोवर कोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को भी सही माना है. अब आगे की कार्रवाई करने को कोर्ट ने रास्ता साफ कर दिया है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 'ज्ञानवापी में जो भी प्रत्यक्ष रूप से परिलक्षित हो रहा है, वह ऐतिहासिक सच्चाई है और करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ विषय है. ज्ञानवापी की ऐतिहासिक वास्तविकता को सभी को समझना भी चाहिए और स्वीकार भी करना चाहिए. न्यायालय की प्रक्रिया का पूर्ण सम्मान है.'