रायपुर:भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर आदिवासी नेता नंदकुमार साय ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. इससे भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने सोमवार को भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकारवार्ता की. विष्णुदेव साय ने नंद कुमार के कांग्रेस में शामिल होने पर दुख जताया. साथ ही अपने राजनीतिक जीवन के लिए नंद कुमार साय को प्रेरणास्त्रोत बताया. नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश को लेकर ईटीवी भारत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णुदेव साय से खास बातचीत की.
सवाल- अचानक कद्दावर नेता नंदकुमार साय का कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए कितना बड़ा नुकसान है?
जवाब- हमें ताज्जुब हो रहा है और हमारे लिए यह दुख का विषय है. हम एक क्षेत्र के रहने वाले हैं, जिनको देखकर हमने राजनीति शुरू की और भारतीय जनता पार्टी जॉइन किया. उनकी छवि एक जुझारू आदिवासी नेता के रूप में थी. भाजपा में 45 वर्षों तक मान सम्मान मिला, विधायक, सांसद, अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष, अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे पदों से नवाजा गया. उन्हें जितना सम्मान भारतीय जनता पार्टी में मिला है, उतना किसी को नहीं मिला है. इसके बाद भी वह कांग्रेस में चले गए. कांग्रेस को सभी जानते हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश को ठगा है. आदिवासियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, आज उनका ऐसी पार्टी का दामन थामना निश्चित रूप से हमारे जैसे व्यक्ति के लिए आश्चर्य का विषय है.
सवाल- किन कारणों से उन्होंने पार्टी छोड़ी होगी?
जवाब- कारण उन्हीं से पूछिएगा. कारण को वही बेहतर बता पाएंगे.
सवाल- क्या उन्होंने किसी दबाव में कांग्रेस ज्वाइन की है?
जवाब- हमें आशंका है कि उन्होंने किसी दबाव में आकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की है, जिस तरह से उनकी बेटी को दबावपूर्वक कांग्रेस में प्रवेश कराया गया था. इसलिए हमें आशंका है कि उन्हें किसी प्रकार का दबाव होगा. पार्टी ने उन्हें इतना मान सम्मान दिया. उनके स्वभाव से हम भलीभांति परिचित हैं. ऐसा कभी लगता नहीं था कि वे कांग्रेस पार्टी में जाएंगे. अगर वे कांग्रेस पार्टी में गए हैं तो कहीं ना कहीं उन पर दबाव की शंका होती है.