कोलकाता : पश्चिम बंगाल भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पत्र लिखकर केंद्रीय एजेंसियों से कोलकाता वैक्सीन फ्रॉड मामले की जांच करने की मांग की है.
दरअसल कोलकाता में एक व्यक्ति ने खुद को आईएएस अधिकारी बताकर फर्जी टीकाकरण अभियान चलाया था. इसी को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है. भाजपा ने इसे बड़ी साजिश बताते हुए मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है.
गिरफ्तार किए गए आरोपी की, तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं और मंत्रियों के साथ कई कार्यक्रमों की कथित तस्वीरें और वीडियो सामने आने के बाद यह घमासान शुरू हुआ. वहीं, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने मामले में किसी प्रकार की संलिप्तता से इनकार किया है.
डॉ. हर्षवर्धन को लिखा पत्र एसआईटी कर रही जांच
पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए शुक्रवार को एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. इससे पहले पुलिस ने इस सप्ताह की शुरुआत में आरोपी देबांजन देब (28) को गिरफ्तार कर लिया था. देब ने कई शिविर लगाए थे, जहां संभवत: 2000 लोगों को टीका दिया गया.
कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने मामले की जांच के लिए खुफिया विभाग के अधिकारियों के साथ एसआईटी का गठन किया है.' उन्होंने कहा, 'ऐसा लगता है कि आरोपी ने कई लोगों को यह बताकर ठगा है कि वह कई विकास परियोजनाओं का प्रभारी है.'
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कोलकाता के पुलिस आयुक्त सोमेन मित्रा ने कहा था कि आईएएस अधिकारी होने का दावा कर रहे एक व्यक्ति द्वारा फर्जी कोविड-19 टीकाकरण शिविर का आयोजन करना एक 'विकृत मानसिकता' का कार्य है. देबांजन ने जो किया, वह बेहद अमानवीय था. ऐसा कार्य कोई विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है.