नई दिल्ली: भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने 'नमक हराम' की कहानी सुनाई. अपने ट्विटर एकाउंट पर वीडियो पोस्ट कर मिश्रा ने लिखा कि क्या आपने कभी किसी नमक खराब नेता की कहानी सुनी है. उन्होंने लिखा, कहानी एक नमक हराम की- जिसने पैसों और सत्ता के लिए आंदोलन से, अपने गुरु से, दोस्तों से, जनता से और अपने देश तक से नमक हरामी की. आज ये नमक हराम जेल जाने के डर से बिलबिला रहा है.
कपिल मिश्रा ने पूछा है कि क्या आप जानते हैं इस नमक हराम को? ट्विटर पर पोस्ट किए गए 3 मिनट 50 सेकंड के वीडियो में उन्होंने कहानी सुनाई.
आइए, पढ़ें नमक हराम की कहानी, कपिल मिश्रा की जुबानी...
नमस्कार दोस्तों. आज मैं आपको एक कहानी सुनाऊंगा. कहानी एक नमक हराम की. एक ऐसा नमक हराम जिसने पैसे और सत्ता के लिए अपने दोस्तों को धोखा दिया, जनता को धोखा दिया, पूरे शहर को धोखा दिया, अपने गुरु को धोखा दिया. इसका ऐसा कोई रिश्ता, ऐसा कोई संबंध नहीं बचा जिसको इसने ठगा न हो. इसके बारे में कहा जाता है कि ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको इसने ठगा नहीं. एक ऐसा नमक हराम जिसने सत्ता और पैसे के लिए अपने देश की सेना के शौर्य तक पर सवाल उठा दिया.
एक ऐसा नमक हराम जिसने तब तब देश के खिलाफ बोला जब जब देश के दुश्मन चाहते थे कि देश के अंदर से कोई देश के खिलाफ बोले. ऐसा नमक हराम जिसने सबसे झूठ बोला कि वह इनकम टैक्स कमिश्नर था. बाद में यह सामने आया कि वह कभी इनकम टैक्स कमिश्नर था ही नहीं. इसने अपनी नौकरी के साथ नमक हरामी की और बाद में वहां से भाग निकला. उसने एक झूठा एनजीओ शुरू किया. झूठ और फ्रॉड के आधार पर एक आंदोलन खड़ा किया और उस आंदोलन के गुरु के साथ भी नमक हरामी की. लोग कहते हैं कि उसने उस आंदोलन के गुरु की अस्पताल में धोखे से हत्या करने का प्रयास भी किया.
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मिश्रा ने की हत्या की बातः कपिल मिश्रा ने आगे सुनाया कि इस नमक हराम ने चुनाव जीतने के लिए आंदोलन की सबसे पॉपुलर दलित महिला साथी की हत्या करवा दी. और बाद में जब उस महिला साथी की मां उसके घर आई तो धक्के मार कर बाहर निकाल दिया. इस नमक हराम ने कहा कि मैं पार्टी नहीं बनाऊंगा, लेकिन बाद में उसने पार्टी बनाई. फिर कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ लूंगा, लेकिन चुनाव भी लड़ा. कहा कि मैं गाड़ी बंगला नहीं लूंगा, लेकिन आज वह देश के सबसे अय्याश बंगले में रहता है. दुनिया में ऐसा कोई प्रपंच नहीं है, जो इसने ना किया हो. जिसके ऊपर इस नमक हराम ने आरोप लगाए बाद में उसके तलवे चाटे. जिस जिस से इसने कहा था कि उनसे लड़ने के लिए आया है, बाद में उन सब से हाथ मिला कर उनके साथ खड़ा हो गया और देश से ही लड़ने लगा.
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धर्म से ही लड़ने लगा. सत्ता में आते ही अपने आंदोलन के साथियों को चुन-चुनकर उनके पीठ में छुरा घोंपने लगा. नमक हराम ने कालेधन का हवाला का पैसा कमाने के लिए शराब के धंधे का काम शुरू किया, घोटाला किया. लेकिन यह इस नमक हराम की सबसे बड़ी गलती साबित हुई. वह फंस गया. शराब की दलाली, कला धन जुटाने और घोटाला करने इसके दो सबसे खास साथी पकड़े गए और जेल चले गए. अब इस नमक हराम को डर लग रहा है कि यह भी पकड़ा जाएगा, जेल जाएगा, इस डर से फड़फड़ा रहा है, बिलबिला रहा है, कुछ भी बक रहा है. सोच रहा है कुछ भी ऐसा कर दूं जिससे जेल जाने से बच जाऊं. लेकिन कानून का फंदा इस नमक हराम के गले तक पहुंच चुका है अब यह बचने वाला नहीं है. क्या आप जानते हैं इसको?
इससे पहले सोमवार को दिल्ली विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चौथी पास राजा की कहानी सुनाई थी. जो काफी चर्चित रही थी.