हैदराबाद :मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक लगातार अपने बयान से केंद्र सरकार निशाने पर ले रहे हैं. किसान, कोरोना, कश्मीर के मसले पर उनके बयानों से ऐसा लगता है कि वेस्टर्न यूपी के जाट नेता सत्यपाल मलिक बीजेपी नेतृत्व को ऐसा कदम उठाने को मजबूर कर रहे हैं, जिससे उन्हें राजनीति का दूसरा रास्ता तलाशने का मौका मिले. सवाल यह है कि सत्यपाल मलिक अचानक नाराज क्यों हो गए. जबकि यह वही नेता हैं, जिन्होंने जाट आंदोलन के दौरान मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी और बीजेपी को मुश्किल से निकाला था.
क्या खुद को छला हुआ महसूस कर रहे हैं सत्यपाल
सत्यपाल मलिक लगातार हो रहे तबादलों को लेकर सुर्खियों में रहे. वह उस समय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, जब वहां से विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाया गया था. उससे पहले वहां तैनात एन एन बोहरा ने केंद्र सरकार को अनुच्छेद 35 A में संशोधन के लिए स्थानीय सरकार के गठन होने तक इंतजार करने की सलाह दी थी. सत्यपाल मलिक ने 23 अगस्त 2018 को पदभार संभालने के बाद केंद्र सरकार की यह मंशा पूरी कर दी. अनुच्छेद 370 हटने के बाद उन्होंने हालात को काबू में रखा था. इसके बाद भी उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
लगातार तबादलों से नाराज हैं मेघालय के गवर्नर
पॉलिटिकल एक्सपर्ट बताते हैं कि 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया तो सत्ता गवर्नर के हाथ से निकल गई. अब दोनों राज्यों में उप राज्यपाल की नियुक्ति होनी थी. तकनीकी तौर पर एक राज्यपाल को उपराज्यपाल नहीं बनाया जा सकता था. बताया जाता है कि सत्यपाल मलिक ने इस बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल बनने की दिलचस्पी दिखाई, मगर केंद्र तैयार नहीं हुआ.
नवंबर 2019 में सत्यपाल मलिक का तबादला गोवा कर दिया गया. मगर कोरोना प्रबंधन को लेकर सीएम प्रमोद सावंत से उनकी नहीं बनी. उन्होंने राज्य सरकार के एक नए राजभवन के निर्माण के फैसले पर भी आपत्ति जताई थी. अगस्त 2020 में उन्हें मेघालय की जिम्मेदारी दी गई. इस तरह एक साल के भीतर उनका तीसरी बार तबादला हुआ. जम्मू-कश्मीर में एक साल तक राज्यपाल रहने से पहले वह बिहार के गवर्नर थे.
सतपाल मलिक के बयान, जिससे बीजेपी असहज
जम्मू-कश्मीर में रहने के दौरान मेरे पास अंबानी की दो फाइलें आई थीं. एक में अंबानी इन्वॉल्व थे. एक में संघ के बड़े पदाधिकारी थे. हर एक फाइल पर उन्हें डेढ़ सौ करोड़ ऑफर हुए थे. दोनों विभागों के सेक्रेटरी ने बताया कि इसमें घपला है. मैंने दोनों डील कैंसिल कर दी.