जयनगर (पश्चिम बंगाल) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के जरिये 'नौटंकी' कर रही है. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, 'मैं ऐसे उत्सव का समर्थन नहीं करती हूं, जिसमें अन्य समुदायों को अलग रखा जाए.' दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि वह जनता को धार्मिक आधार पर बांटने में विश्वास नहीं रखतीं.
उन्होंने कहा, 'कल मुझसे अयोध्या में राम मंदिर पर टिप्पणी करने के लिए कहा गया, जैसे कि मेरे पास करने के लिए और कुछ नहीं है। मैंने कहा कि धर्म व्यक्तियों का होता है लेकिन उत्सव सभी के लिए होते हैं.' बनर्जी ने कहा, 'मैं उन उत्सवों में विश्वास करती हूं जो सभी समुदायों के लोगों को साथ लेकर चलते हैं और एकता की बात करते हैं. भाजपा इसे (राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह) अदालत के निर्देश पर कर रही है, लेकिन नौटंकी के तौर पर यह लोकसभा चुनाव से पहले किया जा रहा है.'
बनर्जी ने कहा, 'मैं लोगों को धार्मिक आधार पर बांटने में विश्वास नहीं रखती.' तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि भारत सरकार, एक ऐसी सरकार है, जिसे एजेंसियों द्वारा चलाया जा रहा है. अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.
बनर्जी ने पश्चिम बंगाल को शांति की धरती करार दिया. उन्होंने कहा, 'याद रखें, मैं कभी भी हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई और आदिवासियों के बीच बंटवारा नहीं होने दूंगी. बंगाल शांति की धरती है और यहां विभाजनकारी राजनीति करने के लिए कोई जगह नहीं है. बंगाल मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना है, हिंदुओं के लिए बेलूर मठ और दक्षिणेश्वर है तथा आदिवासियों के लिए जाहेर थान (पवित्र उपवन) है.' मतदाता सूची की तैयारियों का जिक्र करते हुए बनर्जी ने लोगों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि उनका नाम सूची में शामिल हो.
बनर्जी ने कहा, 'मतदाता सूची तैयार की जा रही है. सुनिश्चित करें कि आपका नाम सूची में हो, अन्यथा वे फिर से सीएए या एनआरसी चिल्लाना शुरू कर देंगे और एनआरसी के नाम पर आपका नाम हटा देंगे.' तृणमूल कांग्रेस नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की आलोचना करती रही है. बनर्जी ने बिलकीस बानो मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का भी जिक्र किया और कहा कि उनकी सरकार कभी भी बलात्कारियों को छूट नहीं देती है.
उन्होंने कहा, 'बिलकीस बानो मामले में आपने देखा होगा कि कैसे बलात्कारियों को छोड़ दिया गया. हमारी पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा को संसद से जबरन निकाल दिया गया, जिन्होंने यह बात उठाई थी. हम बलात्कारियों को छूट नहीं देते हैं.' उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों की सजा में छूट सोमवार को रद्द कर दी. सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा छूट दी गई थी और उन्हें 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया गया था.
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