बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक चुनाव में तीन चेहरों को प्रमुखता से सामने रखने का फैसला किया है. ये हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा. प्रचार की कमान इन्हीं तीन नेताओं के पास होगी. इनके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य भाजपा के अध्यक्ष नलिन कतील को भी प्रमुखता से जगह दिया जाएगा
सूत्रों की मानें तो पार्टी ने किसी को भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर आगे रखने का फैसला नहीं किया है. पार्टी को आशंका है कि ऐसा करने से जातीय और पार्टी के भीतर गुट के आधार पर तनाव हो सकता है. वैसे, आधिकारिक तौर पर पार्टी ने कहा है कि अगर भाजपा जीतती है, तो वह बसवराज बोम्मई को ही सीएम बनाएंगे.
पार्टी सूत्रों ने यह मान लिया है कि बसवराज बोम्मई वह करिश्मा नहीं कर पाए, जो येदियुरप्पा ने किया था. बोम्मई कर्नाटक के प्रभावशाली लिंगायत समुदाय को अपनी ओर रिझा नहीं पाए. आज भी लिंगायत समुदाय को येदियुरप्पा पर ज्यादा भरोसा है. यही वजह है कि पार्टी येदियुरप्पा को सामने रखने पर मजबूर हुई है. येदियुरप्पा को पार्टी ने पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया था. बाद में बोम्मई को बनाया गया. लेकिन पार्टी के टॉप नेताओं को जैसे ही पता चला कि बिना येदियुरप्पा के पार्टी को जीत नहीं मिल सकती है, उन्हें संसदीय बोर्ड में जगह दी गई, इसके बावजूद कि वह 80 साल के हो चुके हैं. सूत्रों के अनुसार पार्टी उनके बेटे को अहम जगह भी देगी. पार्टी सूत्रों का कहना है कि वैसे बोम्मई ने कुछ योजनाओं को ठीक से लागू जरूर किया, जैसे - शिवमोगा एयरपोर्ट, बेंगलुरु-मैसुरू एक्सप्रेसवे वगैरह. पर, भाजपा के लिए अभी चुनाव जीतना बहुत जरूरी है. इसलिए वह मास लीडर पर फोकस कर रही है.