नई दिल्ली : 'अग्निपथ' सैन्य भर्ती योजना के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने रविवार को, विपक्ष पर राष्ट्रीय सुरक्षा और सशस्त्र बलों के मुद्दे पर राजनीति करने और सरकार के लिए अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाया. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने अग्निपथ योजना के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के समर्थन में कांग्रेस के 'सत्याग्रह' को 'शुद्ध राजनीति' करार दिया. केंद्र सरकार द्वारा सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए लाई गई नई योजना अग्निपथ का विरोध कर रहे युवाओं के समर्थन में कांग्रेस के सांसदों और नेताओं ने रविवार को दिल्ली में जंतर मंतर पर 'सत्याग्रह' किया.
विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने युवाओं से 'नकली राष्ट्रवादियों' की पहचान करने और देश में 'असली देशभक्त' सरकार बनाने का आग्रह किया. उन्होंने आग्रह किया कि नई सैन्य भर्ती योजना युवाओं और सेना के लिए विनाशकारी हो सकती है.
प्रियंका गांधी के बयान पर पात्रा ने कहा, 'प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा है कि उनका लक्ष्य सरकार को गिराना है. इससे यह साफ होता है कि उन्हें देश के सशस्त्र बलों और युवाओं की चिंता नहीं है. यह दुखद है.' उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. लेकिन ऐसे विषय पर राजनीति हो रही है और सशस्त्र बलों के अधिकारियों को आगे आकर उन्हें (अग्निपथ योजना के बारे में) समझाना पड़ रहा है.'
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, 'विपक्ष गुमराह क्यों कर रहा है? आखिर विपक्ष चाहता क्या है?' अग्निपथ योजना को एक जरूरी सुधार करार देते हुए पात्रा ने कहा कि इस योजना से सशस्त्र बलों में युवाओं की संख्या अधिक होगी. उन्होंने कहा कि सेना में जवानों की औसत आयु कम करने का प्रस्ताव 1989 में दिया गया था.
पात्रा ने कहा कि वर्तमान में भारतीय थलसेना की औसत आयु 32 वर्ष है और अग्निपथ योजना के माध्यम से इसे घटाकर 26 वर्ष किया जाना है. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद की सभी समितियों ने सशस्त्र बलों में ऐसे सुधार का सुझाव दिया था.
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी को इस सुधार को लाने के खिलाफ 'सत्याग्रह' नहीं बल्कि, इसके लिए 'आग्रह' करना चाहिए.' भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दस वर्षों के दौरान, कोई विमान नहीं खरीदा गया था और सेना कम ताकत के साथ काम कर रही थी. साथ ही इस अवधि के दौरान बहुत अत्यावश्यक ढांचागत सुधार कभी नहीं किए गए.
बता दें कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की नई अग्निपथ योजना पर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने में जुटी हैं. कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने रविवार को सुबह जंतर मंतर पर इस योजना के विरोध में सत्याग्रह किया. इस सत्याग्रह में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और पार्टी नेताओं-जयराम रमेश, राजीव शुक्ला, सचिन पायलट, सलमान खुर्शीद और अलका लांबा ने ‘सत्याग्रह’ में हिस्सा लिया. कांग्रेस के मुताबिक, सरकार को इस योजना को तुरंत वापस लेना चाहिए, क्योंकि यह छात्रों के लिए ठीक नहीं है.
देशभर में भी युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार गरीबों और युवाओं के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है. वहीं, सचिन पायलट ने 'सत्याग्रह' पर कहा, 'योजना को वापस लिया जाना चाहिए.' उन्होंने प्रदर्शन कर रहे युवकों से हिंसा का सहारा नहीं लेने की अपील करते हुए कहा, 'योजना का विरोध करना उनका अधिकार है, लेकिन विरोध शांतिपूर्ण तरीके से किया जाना चाहिए. हिंसा नहीं होनी चाहिए.'
कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा, सत्याग्रह सत्य से सबंधित है जब भी आप सत्य के लिए खड़े होंगे जब भी आप किसी का विरोध करेंगे सत्य के साथ नहीं है वह सत्याग्रह होगा. हम देश के युवाओं को कहेंगे कि वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें यह देश का मामला है और फौज का मामला है इस मामले पर हिंसा बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.
पढ़ें :अग्निपथ प्रदर्शन : कांग्रेस का सत्याग्रह, प्रियंका और राहुल गांधी भी शामिल
गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों में युवा विवादास्पद रक्षा भर्ती योजना का विरोध कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में, विभिन्न शहरों और कस्बों से प्रदर्शनकारियों द्वारा रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ किए जाने, रेलगाड़ियों में आग लगाने और सड़कों तथा रेलवे पटरियों को अवरुद्ध करने की घटनाएं सामने आई हैं. गत शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन के तहत तेलंगाना के सिकंदराबाद में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. आक्रोशित युवाओं के प्रदर्शन के दौरान कई ट्रेनों में आग लगा दी गई थी, निजी, सार्वजनिक वाहनों, रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ की गई और राजमार्गों तथा रेलवे लाइन को अवरुद्ध कर दिया गया था.
यह भी बता दें कि गत 14 जून को घोषित अग्निपथ योजना में साढ़े सत्रह साल से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखने का प्रावधान है. बाद में, सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को 23 वर्ष तक बढ़ा दिया था. नई योजना के तहत भर्ती किए जाने वाले कर्मियों को अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्य कर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन एवं पेंशन भुगतान में कटौती करना है.