नई दिल्ली : गुजरात में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी सरकार बनाकर पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के उस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. वाम मोर्चा ने बंगाल में सात बार जीत दर्ज करते हुए अपनी सरकार बनायी थी. बंगाल में 1977 के विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चा ने पहली बार सरकार बनी थी. लगातार 7 जीत के बाद 2011 के विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चा को ममता बनर्जी ने हराया था. तब से राज्य में तृणमूल कांग्रेस से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद से वहां ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है. वहीं गुजरात में बीजेपी पिछले 27 सालों से सत्ता पर काबिज है और इस बार भी खुद को बरकरार रखकर अपना रिकॉर्ड और बेहतर करने जा रही है. यह भाजपा की सबसे बड़ी जीत व सबसे बड़ा वोट शेयर है.
कहा जात रहा है कि भूपेन्द्र पटेल ने नरेन्द्र मोदी के भी रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए कांग्रेस के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. भारतीय जनता पार्टी ने 2022 में साल 2017 के चुनाव से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 156 से अधिक सीटें हासिल कर ली हैं. इस दौरान उसको 52 फीसदी से अधिक वोट मिले हैं. वहीं पिछले चुनाव में भाजपा को केवल 99 सीटें मिलीं थीं.
ऐसा वामदलों का रिकॉर्ड
दरअसल, बीजेपी ने 7वीं बार सत्ता पर काबिज होने के लिए चुनाव के पहले से मन बना लिया था और चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए हर तरह के हथकंडे अपनाए थे. अब भाजपा एक राज्य में 32 साल तक लगातार सरकार बनाने वाली पार्टी बन जाएगी. इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के उस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए काम करेगी, जिसको कम्युनिस्ट पार्टी ने लगातार 34 सालों तक सत्ता के सिंहासन का सुख भोगने के नाम पर बना रखा है. पश्चिम बंगाल में 34 सालों तक CPM की बादशाहत बरकरार थी. इसके बाद 2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी से हारकर बाहर होना पड़ा.
1977 से CPM ने पश्चिम बंगाल में किया राज
देश की आजादी के बाद किसी राज्य में सबसे ज्यादा किसी पार्टी ने राज करने का रिकॉर्ड बनाया है तो वह है मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी. माकपा ने पश्चिम बंगाल में 1977 में अपनी सरकार बनाने के बाद 2011 के चुनावों तक लगाता राज किया. इस दौरान देश में कई परिवर्तन हुए, लेकिन बंगाल उससे अछूता रहा. यहां मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का विकल्प बनना किसी के लिए आसान नहीं था. केंद्र में कांग्रेस की बादशाहत के बाद भी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी को यहां से कोई हिला नहीं पाया. इंदिरा और राजीव का कार्यकाल में भी बंगाल एक अलग राह पर चलता रहा. अब ऐसी ही राह गुजरात में बीजेपी ने पकड़ रखी है. हालांकि भाजपा ने 2014 के बाद से देश में भी अपनी सरकार कायम रखी है और 2024 में केन्द्र की सरकार बरकरार रखने के लिए सारे जतन कर रही है.