नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भाजपा को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में 614.53 करोड़ रुपये मिले, जो विपक्षी कांग्रेस द्वारा जुटाई गई राशि के छह गुना से अधिक है. निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को इस अवधि में 95.46 करोड़ रुपये का चंदा मिला है. आंकड़ों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को इस अवधि के दौरान चंदे के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि माकपा को 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. माकपा की केरल में सरकार है.
चार राष्ट्रीय दलों ने हाल में निर्वाचन आयोग को प्राप्त चंदे की अपनी नवीनतम रिपोर्ट पेश की थी, जिसने दस्तावेजों को मंगलवार को सार्वजनिक किया. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, कांग्रेस को चंदे के रूप में 95.46 करोड़ रुपये मिले. ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस, जो पश्चिम बंगाल में लंबे समय से सत्ता में है, को इस अवधि के दौरान योगदान के रूप में 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-एम (CPI-M), जो केरल में इस समय सरकार में है, को चंदे के रूप में 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई.
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बीजेपी को पिछले साल मिले चंदे की तुलना में 28 फीसदी का इजाफा हुआ है. करीब-करीब इतना ही इजाफा कांग्रेस को भी हुआ है. 2020-21 में बीजेपी को 477.7 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले थे जो इस साल 614.5 करोड़ रुपये हो गया. जबकि कांग्रेस को पिछले साल की तुलना में इस बार 28.1 फीसदी की वृद्धि के साथ 74.7 करोड़ की तुलना में 95.5 करोड़ रुपये हासिल हुए. बीजेपी को पिछले साल की तुलना में 28.7 फीसदी की वृद्धि हुई थी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सबसे ज्यादा चंदा हासिल करने के मामले में तीसरे नंबर की पार्टी है और उसे 57.9 करोड़ रुपये मिले जबकि उसे पिछले साल 26.2 करोड़ ही मिले थे. पिछले साल की तुलना में एनसीपी को 120 फीसदी की वृद्धि हुई. सीपीआई-एम को 10 करोड़ चंदे के रूप में मिले लेकिन पिछले साल की तुलना में उसे खासा नुकसान हुआ है. सीपीआई-एम को 2020-21 में 12.8 करोड़ मिले थे जबकि इस साल 10 करोड़ मिले, इस तरह से उसे 21.7 फीसदी का नुकसान हुआ था.