बेंगलुरु : कर्नाटक में इसी साल अप्रैल या मई में विधानसभा चुनाव होना है. अभी यहां पर भाजपा की सरकार है. इस सरकार का नेतृत्व बसवराज बोम्मई कर रहे हैं. वह लिंगायत समुदाय से आते हैं. कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की आबादी 16.5 फीसदी के आसपास है. परंपरागत रूप से यह समुदाय भाजपा के साथ खड़ा रहा है. लेकिन इस बार क्या लिंगायत समुदाय भाजपा के साथ रहेगा या फिर उनका रूख बदलेगा, कहना मुश्किल है. यह अंदाजा भाजपा को भी है.
संभवतः यही वजह है कि भाजपा लिंगायत समुदाय को अपने साथ बरकरार रखने के लिए हरेक फैक्टर पर विचार कर रही है. जब भी मौका आता है, तो वह उन्हें फेवर करने से नहीं चूकती है. गत सप्ताह भाजपा की शिवमोगा में रैली थी. रैली को संबोधित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आए थे. उन्होंने शिवमोगा में एयरपोर्ट का उद्घाटन किया. शिवमोगा कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा का क्षेत्र है. पीएम मोदी को भली-भांति पता है कि बिना येदियुरप्पा के लिंगायत समुदाय के बीच सहानुभूति हासिल नहीं की जा सकती है.
इसलिए जैसे ही पीएम मोदी मंच पर उपस्थित हुए, उन्होंने बीएस येदियुरप्पा का हाथ पकड़कर सामने लाया. इसका मैसेज बहुत साफ था. भले ही येदियुरप्पा 80 साल के हो गए हैं, लेकिन पार्टी उन्हें पूरा सम्मान दे रही है. पार्टी ने उन्हें संसदीय बोर्ड में भी जगह दी है. आम तौर पर भाजपा वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल देती है. लेकिन येदियुरप्पा अपवाद हैं. शायद पार्टी को पता है कि उनकी कद का कोई भी नेता कर्नाटक में नहीं है, जिसका लिंगायत समुदाय पर लगभग एकाधिकार है.
पीएम मोदी ने बीएस येदियुरप्पा के समर्थन में लोगों से मोबाइल टॉर्च भी जलवाए, ताकि उनका सम्मान हो सके. जाहिर है, पीएम मोदी का यह रूख जल्द ही इंटरनेट पर वायरल हो गया. पीएम ने येदियुरप्पा की खूब तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि येदियुरप्पा का कार्यकाल शानदार रहा है. उन्होंने विकास के अनेकों कार्य किए. बदले में येदियुरप्पा ने भी पीएम मोदी की तारीफ की. उन्होंने पार्टी के लिए काम करने का संकल्प भी दोहराया.