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Karnataka Elections: बीजेपी ने दक्षिण कन्नड़ और उडुपी में मौजूदा पांच विधायकों का टिकट काटा.. क्या है नए प्रयोग की वजह?

बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के लिए 189 सीटों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में बड़ा बदलाव किया गया है. बीजेपी ने नया प्रयोग करते हुए दो महिलाओं समेत पांच नए चेहरों को उतारा है.

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Published : Apr 12, 2023, 3:36 PM IST

मंगलूरु: इस चुनाव में उम्मीदवार की घोषणा करते हुए, उडुपी और दक्षिण कन्नड़ जिलों में वर्तमान विधायकों को टिकट नहीं देने की रणनीति बड़े पैमाने पर की गई है, जैसा कि उत्तर प्रदेश के दौरान भाजपा ने किया था. राजनीतिक समीकरणों के चलते इस तटीय जिले से पांच मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया गया है.

दक्षिण कन्नड़ जिले में आठ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के सात विधायक थे. इन सात बीजेपी विधायकों में से दो का टिकट काट दिया गया है. मंत्री, सुल्या निर्वाचन क्षेत्र अंगारा से विधायक और पुत्तूर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक संजीव मथांदूर का टिकट काट दिया गया है.

दक्षिण कन्नड़ जिले के भाजपा उम्मीदवारों की सूची..

1. मंगलूरु- सतीश कुम्पाला

2. मंगलूरुदक्षिण- वेदव्यास कामत

3. मंगलूरुउत्तर- भरत शेट्टी

4. मूडबिदिरे- उमानाथ कोट्यान

5. बंटवाला- राजेश नाइक

6. बेलथांगडी- हरीश पूंजा

7. पुत्तूर- आशा थिम्मप्पा

8. सुल्या- भागीरथी मुरुल्या

उडुपी जिले के पांच विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक हैं. इसमें चार विधानसभा क्षेत्रों के लिए भाजपा उम्मीदवारों की सूची मंगलवार को जारी की गई. खास बात यह है कि इन चार में से तीन फील्ड को बदल दिया गया है. उडुपी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रघुपति भट्ट, कापू निर्वाचन क्षेत्र के विधायक लालाजी आर मेंडन, कुंडापुर निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हलदी श्रीनिवास शेट्टी ने चुनावी राजनीति से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की है और अन्य को टिकट दिया गया है.

उडुपी जिले के भाजपा उम्मीदवारों की सूची

1. उडुपी- यश पाल सुवर्णा

2. कापू- सुरेश शेट्टी गुरमे

3. कुंदापुर- किरण कुमार कोडगी

4. करकला- सुनील कुमार

क्या है नए प्रयोग की वजह?: दक्षिण कन्नड़ जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों के दो मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया गया है. खास बात यह है कि इनमें से एक मंत्री हैं. भाजपा आलाकमान द्वारा लिए गए इस फैसले के पीछे की वजह पर नजर डालें तो आशंका जताई जा रही है कि यह मौजूदा विधायकों के खिलाफ कार्यकर्ताओं का असंतोष है.

मंत्री अंगारा ने पिछले 6 बार सुल्या निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है. अंगारा को विकास के मुद्दे के तौर पर टिकट नहीं देने की मांग उठी थी. इसे देखते हुए अफवाहें हैं कि भागीरथी मुरुल्या को सुल्या से टिकट दिया गया है, जो एक आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र है.

पुत्तूर में विधायक संजीव मथांदूर की जगह अरुण कुमार पुत्तिला को टिकट देने की होड़ मची रही. लेकिन पुत्तूर, सुल्या और बेलथांगडी में गौड़ा समुदाय मजबूत है, इस समुदाय को ध्यान में रखते हुए, गौड़ा समुदाय से आशा थिम्मप्पा को पुत्तूर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट देने का ऐलान किया गया है.

कौन हैं ये यशपाल सुवर्णा: मोगावीरा समुदाय के यशपाल सुवर्णा को उडुपी में रघुपति भट्ट को टिकट नहीं दिया गया है क्योंकि कुंडापुर में ब्राह्मणों को पहले ही टिकट दिया जा चुका है. यशपाल सुवर्णा उडुपी गवर्नमेंट पीयू गर्ल्स कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी के उपाध्यक्ष थे, और हिजाब विरोधी संघर्ष में सुवर्णा की प्रमुखता से पहचान भी. उन्होंने हिजाब के खिलाफ आवाज उठाने में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि कॉलेज प्रबंधन बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके रघुपति भट्ट भी सबसे आगे थे, लेकिन इस बार सुवर्णा के लिए टिकट की घोषणा की गई. वह पार्टी के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग मोर्चा के महासचिव हैं और महालक्ष्मी सहकारी बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं.

दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में पांच मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है, जो भाजपा के गढ़ हैं. बीजेपी ने नया प्रयोग करते हुए दो महिलाओं समेत पांच नए चेहरों को उतारा है. यह प्रयोग सफल होगा या नहीं यह तो चुनाव परिणाम के दिन ही पता चलेगा.

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